इप्का की मनमानी के खिलाफ फुटा श्रमिको का गुस्सा, दिया 7 दिन का अल्टीमेटम, कंपनी प्रबंधन पर अभद्रता सहित लगाए कई आरोप

इप्का की मनमानी के खिलाफ फुटा श्रमिको का गुस्सा, दिया 7 दिन का अल्टीमेटम, कंपनी प्रबंधन पर अभद्रता सहित लगाए कई आरोप

रतलाम। इप्का लेबोरेटरीज में काम करने वाले श्रमिको ने कंपनी प्रबंधन की मनमानी के खिलाफ मोर्चा  खा दिया है। श्रमिको ने कंपनी पर प्रताड़ित करने सहित कई आरोप लगाए  हैं। कंपनी  में ठेका पद्धति में काम करने वाले कर्मचारियों ने एकजुट होकर कलेक्टर के नाम ज्ञापन दिया। यहां इप्का के श्रमिक कर्मचारियो ने अपने वेतन, मानदेय ओर छुट्टी सहित अनेक मांगो को लेकर बड़ी संख्या में एकत्रित होकर कलेक्ट्रेट में धरना भी दिया।

इप्का  लेबोरेटरीज के श्रमिक कर्मचारियों ने सुबह से ही इप्का लेबोरेटरी के सामने डेरा जमा लिया था उसके बाद यहां से सभी श्रमिक एकत्रित हुए और कलेक्ट्रेट पहुंचे यहां पर उन्होंने एसडीएम के सामने अपनी मांगे रखी और इसका प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की। यहां पर करीब 2 घंटे से ज्यादा समय तक अधिकारियों की कर्मचारियों के साथ चर्चा हुई जिस पर अधिकारियों ने उन्हें आश्वासन देखकर रवाना किया।

श्रमिको द्वारा दिए गए ज्ञापन में बताया गया कि  IPCA कंपनी के अंदर 8 घंटे ड्यूटी के हमे 500 रु प्रतिदिन दिया जाए, केमिस्ट एवम् कंपनी के गार्ड तथा सुपरवाइजर हमे 8 घंटे ड्यूटी करने के बजाए 12 घंटे ड्यूटी करने पर विवश करते है अगर हम इनका कहा नहीं मानते है तो ये हमसे अभद्र भाषा में बात करते है, तथा हमे (IC) कार्ड छिनने का बोल कर हमे ब्लैक लिस्ट करवाने की धमकी देते है, हमे 8 घंटे की ड्यूटी चाहिए और ओवरटाइम इच्छा अनुसार होना चाहिए, सभी अस्थाई श्रमिको का बीमा होना आवश्यक हो, कंपनी के अंदर किसी भी प्रकार की शारीरिक हानि या दुर्घटना घटित होने पर आर्थिक सहायता प्राप्त हो, कंपनी के अंदर स्टाफ एवम् सुपरवाइजर हम सभी श्रमिको से सम्मान पूर्वक बात करे ताकि हमे भी लगे की हम इंसान है तथा भारतीय है, कंपनी के अंदर कैंटीन में चाय नाश्ता व खाना बहुत खराब मिलता है जब अस्थाई श्रमिक आवाज उठाते हैं तो हमे चुप करा दिया जाता है, कंपनी के 4 नंबर गेट पर हेड रूम (HR) से दीपक सर हम अस्थाई श्रमिको को जब हम सुबह 6.30 से 7 बजे तक कंपनी के अंदर जाने का समय रहता है लेकिन कभी कभी बसवाले की गलती वाले के कारण हम 5 मिनट लेट हो जाते है तो हमे ये कंपनी के अंदर लेने से मना कर देते हैं तथा धक्के मार कर एवम् मां बहन की गंदी गालियां देकर भगा देते है और कहते है की तुम साले कभी भी उठ कर चले आते हो तुम्हारे बाप की कम्पनी है। कंपनी के अंदर ब्लैक लिस्ट हुए सभी श्रमिको को ब्लैक लिस्ट से बाहर निकाले तथा उन्हें भी आजीविका चलाने का अवसर दे। 

कंपनी के अंदर आउट मशीनें लगाई गई हैं जिनकी संख्या 05 है लेकिन उन में से 02 मशीनें ही सही चल रही हैं और 03 मशीनें खराब पड़ी है जिसकी वजह से हमे 05 मिनिट लेट छोड़ा जाता है जिसके कारण हमारी बस निकल जाती है और हमे । घंटा लेट हो जाता है। हमारे IC पर कोई प्रुफ नहीं है कि हम ईप्का के मजदूर है। IC पर प्रुफ दिया जावे। प्रति 6 माह पर मजदूरों को नये सेप्टी शूज़ कंपनी की ओर से मुफ्त दिये जावे। आज हड़ताल पर आये हुए श्रमिकों को कंपनी की ओर से ब्लेक लिस्टेड नहीं किया जावे एवं इन्हें बंद नहीं किया जावे।
अस्थाई श्रमिकों को महिने में 4 छुट्टी मिलनी चाहिए। जिसकी छुट्टी की राशि नहीं कटनी चाहिए। गेट नं. 3 पर कंपनी के गार्ड हनुमान पाण्डे, मनीष राठौर, संजय शर्मा और रमेश पटेल, केपी राठौर, शरद शर्मा इनके द्वारा हम अस्थाई श्रमिकों के साथ अभद्र व्यवहार किया जाकर मानसिक प्रताडित किया जाता है। कंपनी को तुरंत इनके उपर कार्यवाही की जाना चाहिए। इसके साथ ही यह पहुंचे श्रमिको ने चेतावनी दी की अगर हमारी मांगें 7 दिवस में पूर्ण नहीं की जाती है तो हम पुनः हडताल पर बैठेंगे।

पहले भी लग चुके हैं प्रबंधन पर कई आरोप

इप्का  लेबोरेटरीज प्रबंधन पर इसके पहले भी कई आरोप लगा चुके हैं यहां पर कंपनी में सीधे नियुक्ति नहीं करना, ठेकेदारी पद्धति और श्रमिक कर्मचारियों मंडे और काम के समय को लेकर भी पहले कई आरोप लगा चुके हैं लेकिन इस और ना ही प्रबंध का ध्यान गया है और नाही जिला प्रशासन के द्वारा इसमें हस्तक्षेप किया जाता है। यहां काम करने वाले कर्मचारियों का बीमा तक नहीं किया जाता है।