दिल्ली जा रहे सहारा पीडि़त, रामलीला मैदान पर करेगे प्रदर्शन
-केन्द्र सरकार की कार्ययोजना में खामियों का हवाला देकर राशि रिफंड होने में आने वाली परेशानी बताएंगे, सोलंकी बोले-सहारा वालों को बचा रही है सरकार
जावरा। एक लंबे संघर्ष के बाद सहारा निवेशकों को केंद्र सरकार की तरफ से उनके खून पसीने की गाढ़ी कमाई लौटाने के आश्वासन से सहारा निवेशकों और संघर्ष समिति के साथियों मैं हर्ष की लहर दौड़ी थी परंतु वर्तमान सरकार द्वारा इस राशि को लौटाने के लिए लांच किए गए सहारा रिफंड पोर्टल की खामियों और निवेशकों की संपूर्ण राशि लौटाए जाने की व्यवस्थित प्लानिंग के बगैर ही केंद्र और राज्य सरकारे सुब्रत राय सहारा को बचाने की व्यवस्था तथा उन्हें कानूनी कार्यवाइयों से बाहर करने की तैयारी कर रही है। जिससे सहारा निवेशकों में आक्रोश फैला है। केंद्र सरकार के रवैये से आक्रोशित हजारों सहारा निवेशक एक बार पुन: दिल्ली के रामलीला मैदान पर 31 जुलाई को जंगी प्रदर्शन करेंगे तथा जन आंदोलन न्याय मोर्चा के बैनर तले केंद्र सरकार से न्याय की मांग करेंगे।
जन आंदोलन न्याय मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह सोलंकी के कार्यालय पर आयोजित संघर्ष समिति की बैठक में दिल्ली आंदोलन में कुच करने की रूपरेखा बनाई गई। इस अवसर पर सोलंकी ने बताया कि सहारा सेबी रिफंड खाते में सहारा की ओर से कुल 24,979 करोड रुपए जमा करवाए गए हैं जिनमें से 5000 करोड़ की राशी वर्तमान में निवेशकों को लौटाए जाने की बात कही जा रही है जबकि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की घोषणा के अनुसार इस राशि से 10 करोड़ निवेशकों को लाभ होगा । ऐसे में भ्रम यह है कि यदि सभी निवेशकों को 1000 भी दिए जावे तब भी एक लाख करोड़ रुपए की राशि की आवश्यकता होती है । सोलंकी ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से पूर्व में सेंट्रल रजिस्टार आफ कोऑपरेटिव सोसायटी को मार्च माह से ही सहारा निवेशकों की ओर से आवेदन मंगाए जा रहे थे जिन का कुल रिकॉर्ड देखा जावे तो संपूर्ण देश में ढाई लाख करोड़ से अधिक के भुगतान किए जाना है तथा वर्तमान में केंद्र सरकार की ओर से जिन चार सहकारी समितियों के न्यूनतम 10,000 तक की राशि लौटाने की बात कही जा रही है जिनमें सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी, सहारन यूनिवर्सल मल्टीपरपज सोसायटी ,हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी तथा स्टार्स मल्टीपरपज कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड के निवेशक आते हैं उक्त चारों सोसाइटी में भी स्वयं सहारा की स्वीकारोक्ति के अनुसार 86 हजार करोड़ की देनदारियों है, ऐसे में मात्र 5000 करोड़ की न्यूनतम राशि उपलब्ध कराकर निवेशकों को चुनाव पूर्व लॉलीपॉप दिया जा रहा है। सोलंकी ने बताया कि केंद्र सरकार के दबाव में समस्त भाजपा शासित राज्यों में सहारा प्रबंधन और सुब्रत राय के विरुद्ध दर्ज आपराधिक प्रकरण समाप्त किए जाने की तैयारियां की जा रही है। इसी प्रकार की एक एडवाइजरी 18 जुलाई 2023 को पुलिस मुख्यालय भोपाल की ओर से समस्त पुलिस अधीक्षकों को जारी की गई है जिसमें मध्य प्रदेश शासन के गृह विभाग का हवाला देते हुए कहा गया है कि सहारा प्रबंधन के विरुद्ध दर्ज समस्त आपराधिक प्रकरणों के संबंध में विधिक राय प्राप्त कर लंबित विवेचना विधि अनुसार शीघ्र निस्तारित की जावे तथा भविष्य में भी सहारा समूह के विरुद्ध प्राप्त होने वाली भुगतान न होने की किसी भी शिकायत के मामले में निवेशकों को सहारा पोर्टल पर कार्रवाई करने की सलाह दी जावे यानी सहारा प्रबंधन के विरुद्ध कोई प्रकरण दर्ज ना किया जावे। इस प्रकार सहारा निवेशकों को संपूर्ण राशि का भुगतान किए बगैर ही सहारा प्रबंधन को बचाने की केंद्र और राज्य सरकार में अत्यधिक उत्सुकता प्रतीत हो रही है। इसके विरुद्ध दिल्ली के रामलीला मैदान में पुन: जन आंदोलन न्याय मोर्चा बिगुल फूंकने जा रहा है। सोलंकी ने संपूर्ण प्रदेश के सहारा निवेशकों से आंदोलन में शरीक होने की अपील की है। सोलंकी ने बताया कि उक्त आंदोलन में संपूर्ण देश से सहारा पीड़ितों के साथ ही राज्यसभा सदस्य तथा पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी शामिल होकर सहारा निवेशकों की आवाज बुलंद करेंगे।
इस अवसर पर आयोजित बैठक में संघर्ष समिति के गिरजा शंकर दायम,विजय सैनी, विक्रम सिंह पवार, जीवन दायम, प्रकाश धाकड़, राम गोपाल गहलोत, मुकुंद सोलंकी, भंवरलाल बामता, इदरीस हुसैन सहित कई कार्यकर्ता शामिल थे ।