अब जनता को ही कुचलना पड रहा भ्रष्टाचारी सिस्टम का फन -दो पटवारियों की धरपकड़ के बाद अब पंचायत का सहायक सचिव लोकायुक्त  के शिकंजे मे दिया गया, बैखोफ हो चुके है जिले में भ्रष्टाचारी

अब जनता को ही कुचलना पड रहा भ्रष्टाचारी सिस्टम का फन -दो पटवारियों की धरपकड़ के बाद अब पंचायत का सहायक सचिव लोकायुक्त  के शिकंजे मे दिया गया, बैखोफ हो चुके है जिले में भ्रष्टाचारी

रतलाम/जावरा। लगता है सरकारी सिस्टम में काम करने वाले कुछ मातहत बिना पैसो के अथवा रिश्वत दिए बगैर काम करना ही नही चाहते। कई लोग इनकी मांग पूरी भी कर रहे तो कई लोगो को अपने ही अधिकार के लिए अतिरिक्त राशि देने का दबाव खटक रहा। ऐसे में लोग लोकायुक्त का सहारा ले रहे और भ्रष्टाचारी सरकारी नुमाइंदो को लोकायुक्त के शिकंजे में फसा रहे। पिछले एक महीने से भी कम समय में एक के बाद एक तीन घटनाए ऐसी हो गई जिनमें जरुरी काम करने के बदले में रुपये मांगने वाले कर्मचारियों को लोगो ने लोकायुक्त के हाथों टे्रप करवा दिया। 
 उज्जैन लोकायुक्त ने गुरुवार को ग्राम पंचायत आक्याबेनी के सहायक सचिव को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। प्रधानमंत्री आवास योजना की दूसरी किश्त जारी करने के एवज में सहायक सचिव अमरु वरतिया ने 10 हजार रुपए की मांग की थी, जिसमें से 8 हजार रुपए लेते हुए उसे पकड़ा गया। इसके पूर्व रतलाम जिला मुख्यालय पर दो दिन पूर्व पटवारी को रंगे हाथ ट्रैप किया था।  इसके अलावा कुछ दिन पूर्व ही जावरा में एक पटवारी को रिश्वत लेते पकड़ा गया था। लगातार जारी लोकायुक्त की कार्रवाई से स्पष्ट हो चुका है कि शासकीय कार्यालयों में जिम्मेदारों का अंकुश नहीं है, इसके कारण भ्रष्टाचार चरम पर व्याप्त है।
 लोकायुक्त निरीक्षक दीपक शेजवार ने बताया कि 4 जून को रमेश डाबी, निवासी ग्राम आख्यावेनी ने उज्जैन लोकायुक्त एसपी अनिल विश्वकर्मा को शिकायत दी थी कि सहायक सचिव रिश्वत की मांग कर रहा है। शिकायत का सत्यापन कर प्लान के तहत कार्रवाई की गई और गुरुवार को सहायक सचिव को पंचायत कार्यालय में 8 हजार रुपए लेते रंगे हाथों पकड़ लिया गया। इस ट्रैप टीम में डीएसपी राजेश पाठक, इंस्पेक्टर दीपक शेजवार, हेड कॉन्स्टेबल कन्हैयालाल धनगर, कॉन्स्टेबल श्याम शर्मा, उमेश कुमार और स्टेनो रमेश डाबर शामिल थे।
 रतलाम जिले में लोकायुक्त की कार्रवाई लगातार तेज हो रही है। दो दिन पहले मंगलवार को रतलाम ग्रामीण तहसील कार्यालय में पटवारी यशवर्धन शर्मा को भी 8 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। इसके पहले जावरा में पटवारी प्रवीण जैन को लोकायुक्त ने रिश्वत लेते दबोचा था। लगातार हो रही कार्रवाई से सरकारी कार्यालयों में हडक़ंप की स्थिति बनी हुई है। वहीं दूसरी तरफ भ्रष्टाचार चरम पर होने का हाल भी स्पष्ट हो रहा हैै।