माहे रमजान के चांद के दीदार के साथ मुस्लिम समाज के पवित्र माह रमजान की आज से शुरुआत, जानें महत्व और सहरी इफ्तार का समय

दिल्ली/भोपाल डेस्क। मुस्लिम समाज के पाक महीने रमजान के चांद का दीदार शनिवार को हुआ। चांद देखे जाने के बाद साथ एलान होते ही लोगों ने एक-दूसरे को मुबारकबाद देने लगे। चांद के दीदार के साथ ही मस्जिदों में तरावीह की नमाज शुरू हो गई। इसके साथ ही लोग सहरी की तैयारी में जुट गये। रविवार को रमजान का पहला रोजा रखा गया।
-रविवार को पहला रोजा
शहर सहित देशभर में रमजान को लेकर उत्साह नजर आ रहा है। दिल्ली जामा मस्जिद के इमाम ने रविवार से रोजा रखने का एलान किया. इसके बाद सभी जगह तरावीह की नमाज की तैयारी में जुट गये. घर की औरतें व बच्चियों ने कुरान की तिलावत शुरू कर दी. शनिवार से ही हर घर से पाक कुरान की तिलावत की आवाज आने लगी. बच्चे व नौजवान मस्जिद की तरफ चल पडे।
-बाजारों में दिखने लगी रौनक
बाजारों में सहरी और इफ्तार की सामग्री खरीदने के लिए मुस्लिम समाज के लोग दिखाई देने लगे। सहरी और इफ्तार के लिए कुछ अलग व्यंजन होते हैं. लोग दूध, फैनी, ब्रेड के साथ सहरी कर रोजे की शुरुआत करते हैं, वहीं खजूर, फल, भजिये, समोसे, पापड़, चने की घुघनी, पकौड़े को इफ्तार के व्यंजनों में शामिल रखते हैं. इफ्तार के लिए अफजल मानी जाने वाली खजूर की कई वेरायटियां भी शहर के मार्केट में दिखाई देने लगी हैं. इसके अलावा मौसमी फलों की बिक्री भी इस दौरान बढने लगी है।
-रमजान पर रोजा क्यों रखते हैं ?
मुस्लिम समाज में रमजान के महीने में इबादत का विशेष महत्व है। रमजान के दौरान रोजे रखने के साथ पांचों वक्त की नमाज और तरावीह की विशेष नमाज भी अदा की जाती है। रमजान का पाक महीना रोजा रखने के साथ साथ आत्मसंयम, इबादत और जरूरतमंदों की मदद और सेवा करने का बेहतरीन मौका देता है।
रतलाम में नजर आने लगी चांद की रौनक
मुस्लिम समाज के पवित्र माह रमजान का चांद दिखने के बाद रतलाम में रविवार को पहला रोजा रखा गया। चांद दिखने के साथ ही तरावीह की नमाज शुरु हुई। रमजान के पहले रोजे के साथ ही शहर के बाजारों में रौनक नजर आने लगी। वहीं मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में दुकाने सजने लगी। इसके साथ ही शहर की सभी मस्जिदों पर लाइटिंग की गई। जिससे मस्जिदों की खुबसुरती में चार चांद लग गए। मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में खान पान की दुकानों पर विशेष पकवान बनने लग गए। पूरे माह इन दुकानों पर अलग प्रकार के व्यंजन बनाए जाएंगे जिससे रोजा इफ्तार किया जा सके। इसके साथ ही फल फु्रट की ब्रिकी में भी बढ़ोतरी होने लगी। रोजा खोलने के लिए विशेषकर खजूर का उपयोग किया जाता है और इनके साथ फल फु्रट जिसमें तरबूत, पपीता, अनार, अंगूर, मोसंबी, पाइनापल सेब आदि फलों का उपयोग किया जाता है। इसके साथ ही मुस्लिम समाजजनों द्वारा जरुरतमंदों को खाद्य सामग्री प्रदान की जाती है और कई जगह रोजा इफ्तार का कार्यक्रम भी आयोजित किया जाता है।
रमजान माह में रतलाम के इन बाजारों में खरीदारी बढेगी
रमजान माह की शुरुआत के साथ ही बाजारों में रौनक बढऩे लगी है। यहां शहर के प्रमुख कपड़ा बाजार माणक चौक में अभी से ईद की खरीदारी शुरु हो गई है। शहर के माणक चौक, घांस बाजार, गणेश देवरी, चांदनी चौक, बजाजखाना में कपडों की दुकानों पर ईद की खरीदारी करने के लिए लोग पहुंचने लगे है।