रतलाम शहर से पारस सकलेचा, ग्रामीण से लक्ष्मण डिंडोर और जावरा में हिम्मत श्रीमाल को उम्मीदवार बनाया

रतलाम शहर से पारस सकलेचा, ग्रामीण से लक्ष्मण डिंडोर और जावरा में हिम्मत श्रीमाल को उम्मीदवार बनाया

रतलाम/जावरा।  विधानसभा चुनाव में कांग्रेसी की देर रात आई सूची ने स्पष्ट कर दिया कि जिले की बची हुई तीन सीटों पर अब कांग्रेस की ओर से चुनाव कौन लडेगा, लेकिन इसी के साथ रतलाम ग्रामीण और जावरा विधानसभा सीट पर जिन दावेदारों को टिकट नही मिला उनके समर्थक भडक़  गए है और सोशल मीडिया से सडक़ तक नाराजगी जता रहे है। इसी बीच लोग भी उम्मीदवारों की घोषणा पर कुछ हद तक चोंके है।
कांग्रेस ने देर रात जारी की सूची में रतलाम शहर से पारस सकलेचा, रतलाम ग्रामीण से लक्ष्मण डिंडोर और जावरा से हिम्मतसिंह श्रीमाल को उम्मीदवार बनाया है। जबकि इससे पहले सैलाना में हर्षविजय गेहलोत और आलोट में मनोज चावला को कांग्रेस ने मैदान में उतारा है। रात में जैसे ही जिले की तीन सीटों पर उम्मीदवारों को लेकर घोषणा हुई तो रतलाम  शहर के नाम को लेकर लोग ज्यादा नही चौके, लेकिन रतलाम ग्रामीण और जावरा विधानसभा के नाम को लेकर लोग हैरान जरुर हुए। रतलाम शहर में लगभग सबको पता था कि पार्टी पारस दादा को उम्मीदवार बना सकती है क्योकि उनके मुकाबले बाकी दावेदार या तो सभी का समर्थन नही जुटा पाएंगे या भाजपा प्रत्याशी पर आक्रामक नही हो पाएंगे। लेकिन रतलाम ग्रामीण सीट पर लक्ष्मण डिंडोर का अचानक इस्तीफा स्वीकार हो जाना और उन्हे टिकट मिल जाना कुछ लोगों और कांग्रेस,जयस के कार्यकर्ताओं को हैरान कर रहा है। इस विधानसभा सीट पर कांग्रेस की ओर से अन्य दावेदार भी दावा कर रहे थे जिनमें प्रमुख रुप से जयस नेता डॉ.अभय ओहरी, कांग्रेस नेत्री कोमल धुर्वे और थावर भूरिया का नाम प्रमुखता से था। अधिकांश लोगों को लग रहा था कि यहा जिस प्रकार से डॉ.अभय ओहरी ने पिछले पांच वर्षो में मैदानी मेहनत की है उससे पार्टी उनको टिकट देगी, लेकिन ऐसा नही हुआ। ऐसे में जयस कार्यकर्ताओं का कहना है कि डॉ.अभय ओहरी अब निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे और अपना वजन दिखाएंगे। इधर जावरा में भी ऐसा ही हुआ है। जावरा विधानसभा सीट पर पहले तो स्थानीय एवं बाहरी उम्मीदवार को लेकर खूब उठापटक हुई और हाल ही के दिनों में बदले घटनाक्रम में यह चर्चा आम हो गई कि यहा पार्टी करणी सेना परिवार से समझोता करते हुए जीवनसिंह शेरपुर को टिकट दे रही है। इस बीच कई लोगों का मानना था कि पार्टी सर्वे के आधार पर वीरेन्द्रसिंह सोलंकी या डीपी धाकड़ को भी टिकट दे सकती है। लेकिन पार्टी ने जिस तरह हिम्मतसिंह श्रीमाल का टिकट किया उससे हर कोई चौंका है। रात में जैसे ही श्रीमाल के नाम की घोषणा हुई अन्य दावेदारों के समर्थकों ने कड़ी प्रतिक्रिया देना शुरु कर दी तो कई पदाधिकारियों ने इस्तीफे देना शुरु कर दिए। इस बीच रात में शहर के घंटाघर चौराहे पर कुछ कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने हिम्मतसिंह श्रीमाल का पुतला फूंकते हुए अपना गुस्सा कांग्रेस नेता मोहम्मद युसूफ कड़पा पर उतारा।