1 नवंबर को दीपावली मनाने पर बनी सहमति -रतलाम में ज्योतिष विद्वानों की बैठक में बनी सहमति, राजस्थान- गुजरात सहित देशभर के कई विद्वानों से फोन पर चर्चा के बाद निर्णय

1 नवंबर को दीपावली मनाने पर बनी सहमति -रतलाम में ज्योतिष विद्वानों की बैठक में बनी सहमति, राजस्थान- गुजरात सहित देशभर के कई विद्वानों से फोन पर चर्चा के बाद निर्णय

रतलाम। दीपावली तिथि के मतभेद को लेकर रतलाम जिले के विद्वत विप्रबंधु व ज्योतिषियों की बैठक सिद्ध विजय पंचांग के निर्माणकर्ता डा. विष्णु कुमार शास्त्री के नेतृत्व में स्थानीय नारायणी पैलेस अस्सी फीट रोड पर रखी गई। बैठक में सर्वसम्मति से एक नवंबर को दीपावली पर्व मानने पर सहमति की गई। साथ ही बैठक में फोन द्वारा ज्योतिषाचार्य स्वामी बजरंग गिरीजी, ज्योतिषाचार्य रमेश पंड्या (श्रीकालचक्र पंचांग), भागीरथ जोशी (भादवा माता पंचांग) राजस्थान, गुजरात सहित भारत ?े विद्वान ज्योतिषियों से भी चर्चा की गई।
बैठक में बताया गया शासकीय संस्कृत महाविद्यालय वाराणसी में जगतगुरु शंकराचार्य विजेंद्रजी सरस्वती के नेतृत्व हुई बैठक में भी एक नवंबर को ही दीपावली पर्व मनाने को शास्त्रीय प्रमाण के रूप में स्वीकृति हुई है। इसी प्रकार 29 अक्टूबर को धनतेरस, 30 अक्टूबर को धन्वंतरि जयंती, 31 अक्टूबर को रूप चतुर्दशी, एक नवंबर को दीपावली, दो नवंबर को गोवर्धन पूजा/पड़वी, तीन अक्टूबर को भाईदूज मनाई जाएगी।
डा. विष्णु कुमार शास्त्री ने बताया कि 31 अक्टूबर को दिन में 3:52 से कार्तिक अमावस्या तिथि आरंभ हो रही है, जो दूसरे दिन एक नवंबर को सूर्यास्त 5:45 के बाद 6:17 तक रहेगी। धर्मसिंधू व तिथि निर्णय के अंतर्गत यदि प्रदोष काल दो दिन अमावस्या हो जैसा इस बार 31 अक्टूबर व एक नवंबर को है तो धर्म शास्त्रों का भी मत है कि यदि दो दिन अमावस्या प्रदोष काल में व्याप्त स्पर्श करें तो महालक्ष्मी पूजन दूसरे दिन के प्रदोष काल में ही करना चाहिए।  
कुछ स्थूल सौरगणित पंचांगों में लंबे समय से सुधार न होने के कारण बार-बार तिथि-त्योहारों को लेकर संशयात्मक स्थिति निर्मित होती है, जबकि वैधशाला से सिद्ध प्रमाणित सूक्ष्मदृश्य गणितयुत पंचांग शास्त्रोक्त विधि अनुसार पूर्ण रूप से सही है। भारत के कुछ पंचांगों को छो?कर सर्वाधिक पंचांगों में एक नवंबर को ही दीपावली पर्व के बारे में लिखा है, जिनमें मार्तंड, दाते, कालचक्र, विक्रमादित्य, महाराष्ट्रीयन, निर्णय सागर, श्रीधरशिवलाल, श्रीशिवशक्ति, श्रीबुद्धेश्वर, भादवामाता, बद्रीकाशी, पुष्पांजलि, कालचक्र, दिवाकर संदेश, प्रत्यक्ष, ब्रजभूमि, पप्पी, श्रीचंडमार्तंड व श्री व्यास पंचांग (गुजरात) आदि भारत के 70 से अधिक पंचांगों में एक नवंबर को ही दीपमालिका दीपावली पर्व शास्त्रीय प्रमाण रूप में लिखा गया है।
बैठक में वैदिक जाग्रति ज्ञान-विज्ञान पीठ, ज्योतिष शिक्षण जनकल्याण समिति व अखिल भारतीय पुजारी संघ के विद्वत आचार्य सहित पंडित संजय शिवशंकर दवे, पंडित अशोक कुमार वशिष्ठ, पंडित जीवन पाठक (जड़वासा), पंडित ओमप्रकाश शर्मा, पंडित चेतन शर्मा, पंडित मुकेश शर्मा, पुजारी संघ अध्यक्ष पंडित संजय मिश्रा, पंडित राजेश व्यास पंडित सोमेश शर्मा, पंडित अभिषेक गिरी, पंडित जितेंद्र नागर (सैलाना), पंडित ईश्वर व्यास की उपस्थिति रही।