भोलेनाथ की रथयात्रा में जगह-जगह हुई पुष्पवर्षा -महाआरती के दौरान मौजूद रहे कई श्रद्घालु, त्रिपोलिया गेट क्षेत्र में शर्मा परिवार ने किया धार्मिक आयोजन
रतलाम त्रिपोलिया गेट स्थित हरियाणा गोड ब्राह्मण धर्मशाला में चल रही श्री शिव महापुराण कथा के दौरान पंडित वैष्णव विजय जोशी ने नंदी प्राकट्य व तुलसी उत्पत्ति आदि कथा का वर्णन किया ।उन्होंने कहा कि नंदी शीलाद् ऋषि के पुत्र हैं और उन्होंने ऐसा क्या किया कि भगवान ने अपने पूरे परिवार में उनको शामिल कर लिया। महाराज भगवान के इतने सारे बालक बने हैं आप कभी नर्मदा जी को शिव जी की शिवालय में नहीं देखोगे।
शिव परिवार के साथ किसी को देखो ना देखो लेकिन नंदी को जरूर देखोगे । शिलाद् ऋषि ने ऐसा मन बनाया कि मुझे ऐसा बालक चाहिए जो किसी स्त्री से पैदा ना हो और उसकी कभी मृत्यु ना हो उन्होंने इंद्र का आह्वान किया कि मुझे ऐसी संतान चाहिए कि जो बिना स्त्री के पैदा हो जाए और उसे कोई मारने वाला ना हो वो अमर हो जाए इंद्र ने कहा यह मेरे बस की बात नहीं है आप शिवजी की शरण में जाइए तो वे बर्फ में जाकर के तप करने लगे तपस्या की मध्य में जब तप कर रहे थे तो कुछ ऐसे बर्फ के कीड़े होते हैं जो अंदर से हड्डी को सबको खा जाते है जब वह कीड़े शीला डी का सारा मांस वह हड्डी खा गए तो भोलेनाथ प्रकट हुए तथा उन्होंने वर मांगने के लिए कहा तो शीलाद ऋषि ने कहा मुझे ऐसा पुत्र चाहिए जो अमर हो तथा बिना माँ के पैदा हो तब भगवान शिव ने कहा मैं आपके यहां जन्म लूंगा क्योंकि मैं अमर हूं अनादि हूं अनंत हूं कथा में अग्नि से प्रकट होउगा जब ऋषि शिलाद यज्ञ कर रहे थे तब अग्नि में से बालक उत्पन्न हुआ उसका नाम आनंदी रखा। इस तरह जोशी ने शंख चुड राक्षस वध व तुलसी उत्पत्ति कथा सुनाई कथा के बाद भगवान भोलेनाथ की रथ यात्रा निकाली गई यात्रा के आगे आगे सुमधुर बैंड ढोल ताशे चल रहे थे पीछे भक्त भोलेनाथ के जयकारा लगाते हुए चल रहे थे भोले बाबा की सवारी का जगह-जगह पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया । अंत में आरती उतारी गई व प्रसादी वितरित की गई कथा आयोजक नाथू लाल शर्मा विजय शर्मा अजय शर्मा सहित नागरिक मौजूद थे ।