अब नहीं कटने देंगे रतलाम में कोई हरा पेड, बरसते पानी में पर्यावरण प्रेमियों ने लिया संकल्प
-मानव श्रृंखला बनाई, मृत पेडों व पक्षियों को श्रृद्धांजलि भी दी गई
रतलाम। विकास का असली सौपान वही है जहां शुद्ध हवा, शुद्ध वातावरण, शुद्ध पेयजल के लिए परेशान न होना पडे। भारतीय संविधान में नगरीय सीमा में किसी भी पेड को काटने के लिए अनुमति अनिवार्य है। पेड को काटना अत्यावश्यक हो तो भी उसके बदले 5 पेड लगाना जरुरी है। विकास जरूरी है, लेकिन ऑक्सीजन के लिए पेड भी उतने ही जरूरी है। पर्यावरण असंतुलन, जीवों, परिंदों की मौत के साथ इंसानी सभ्यता कभी नहीं जिंदा रह सकती। रतलाम शहर में अब पेडों बेवजह को कटने नहीं दिया जाएगा। इसका सभी संकल्प लेते हैं।
यह बातें दो बत्ती चौराहे पर पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने हेतु एकत्रित हुए पर्यावरण प्रेमियों ने कही। दोबत्ती चौराहे पर बरसते पानी के बीच भी हाथों में तख्तियां थामे शहर के लोगों ने ही शहर के बिगडते पर्यावरण संतुलन और कटने पेडों का विरोध जताया। इस दौरान कलेक्टर, महापौर, निगम आयुक्त से पेडों को काटने की अनुमति नहीं देने की मांग भी की गई। बरसात में ही मानव श्रृंखला बनाकर पर्यावरण रक्षा का संकल्प भी लिया गया। साथ ही श्रद्धांजलि भी दी गई। प्रबल वेलफेयर सोसायटी, केन हेल्पिंग हैंड फाउंडेशन, देश की बात फाउंडेशन, एनिमल लवर्स ग्रुप, श्री रुद्र महाकाल सेवा समिति आदि के संयुक्त तत्वाधान में किया गया। सर्व ब्राह्मण महासभा, जिला मजदूर संघ, करणी सेना(महिला विंग), भारतीय शिव शक्ति ग्रुप, पतंजलि योग समिति, हिंदू जागरण मंच, जिला पर्यावरण टोली, कामधारी ग्रुप, एनएसयूआई, खिलाडी प्रकोष्ठ आदि ने भी सहयोग दिया। प्रमुख लोगों ने अपने विचार भी रखे और कार्यक्रम संयोजन के लिए अदिति दवेसर को शुभकामनाएं भी दीं।
ये रहे मौजूद
इस दौरान अधिवक्ता और कार्यक्रम संयोजक अदिति दवेसर, समाजसेवी अनिल झालानी, कांग्रेस शहर अध्यक्ष महेंद्र कटारिया, पूर्व पार्षद राजीव रावत, फैय्याज मंसूरी, राजेश कटारिया, पूर्व पार्षद बबीता नागर, अन्नु कुंवर हरोड, प्रीति सोलंकी, कविता देवडा, राजेश्वरी चौहान, श्रेय सोनी, विशाल शर्मा, विशाल उपाध्याय, सविता तिवारी, हेमा हेमनानी, पंडित संजय शिवशंकर दवे, अधिवक्ता शिल्पा जोशी, अदिति मिश्रा, रूद्र दवेसर आदि बडी संख्या में लोग मौजूद थे।