कृषि आदान विक्रेताओं ने हड़ताल कर सौंपा ज्ञापन, कंपनियों की मनमानी पर रोक लगाने की मांग

अनुदान युक्त उर्वरक को के साथ जबरन टैगिंग प्रथा को रोकने और जिले के खाद बीज कीटनाशक दवाई के विक्रेताओं को व्यापार करने में लगातार आ रही समस्याओं को लेकर रतलाम जिला खाद बीज दवाई विक्रेता संघ की ओर से मित्र निवास रोड़ से विशाल रैली निकालते हुए प्रधानमंत्री और उपसंचालक कृषि किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग रतलाम के नाम बुधवार को कलेक्टर कार्यालय में ज्ञापन सौंपा गया। इस विशाल रैली में रतलाम जिले के सभी कीटनाशक घाट बीच दवाई विक्रेता व्यापारी अपना व्यापार बंद कर मौजूद थे।
डिप्टी कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए बताया कि भारत सरकार द्वारा देश के किसानों को सस्ता उर्वरक मिले इसके लिए भारत सरकार के द्वारा उर्वरक जैसे यूरिया, डीएपी , एनपीके एवं अन्य उर्वरक खाद पर भारी भरकम अनुदान कम्पनीयों को प्रदान किया जाता है जिससे देश के किसानों को कम मूल्यों पर खाद मिल सके और फसलो की अच्छी पैदावार हो। लेकिन उर्वरक कंपनियां खाद के साथ आवश्यक रूप से व्यापारीयों को सल्फर, माइकोराईजा, वाटर सोलिबल फर्टिलाइजर, सिटी कंपोस्ट, कृषि दवाई, सागरीका, बीज अमोनियम सल्फेट, सहित अन्य जबरन सामग्री व्यापारीयों को दिए जाते है। इस कारण से व्यापारियों द्वारा खाद के इन सामग्रीयों को कम्पनीयों द्वारा टेंगिंग
किये माल के साथ दिया जाता है जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान होता है।
व्यापारी सामग्री को विक्रय नहीं करे तो आर्थिक हानी एवं व्यापार में नुकसान और इन सामग्रीयों की बिक्री करे तो एफसीओ का उल्लंघन होता है। टैंगिग सामग्री की खरीदारी नही करने पर कंपनियों द्वारा दबाव बनाया जाकर डिलरशीप बन्द कर अन्य को देने एवं रेक जिले में उपलब्ध नही करवाई जाती है और विभाग द्वारा समस्त कार्यवाही छोटे व्यापारियों पर की जाती है। लेकिन बड़ी-बडी कम्पनीयों पर आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं की गई।