युवाम ने किया खुशालसिंह पुरोहित का सम्मान, सुख की चाह छोड़ युवा, संघर्ष की चुनौती अंगीकार कर, दादा एक मिशन , और युवाम लाइटहाउस - खुशालसिंह पुरोहित

युवाम ने किया खुशालसिंह पुरोहित का सम्मान, सुख की चाह छोड़ युवा, संघर्ष की चुनौती अंगीकार कर, दादा एक मिशन , और युवाम लाइटहाउस - खुशालसिंह पुरोहित

रतलाम, युवा वह है जो सुख की चाह छोड़कर , संघर्ष की चुनौती को स्वीकार करता हैं । जिसका सोच वैज्ञानिक हो और जीने का कोई मकसद हो । यह बात प्रसिद्ध पर्यावरणविद खुशालसिंह पुरोहित ने कहीं। पुरोहित युवाम द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में बोल रहे थे।

खुशालसिंह ने कहा की पारस दादा एक मिशन है और युवाम  लाइट हाउस है। जिसकी रोशनी से लाखो घर रोशन हो रहे हैं। खुशालसिंह ने विद्यार्थियों के अनुरोध पर महाकवि शिवमंगल सिंह सुमन की कविता का पाठ किया और  युवाओं को चेतावनी देते हुए कहा कि जिसे मंजिल समझ बैठे हो , वह बसेरा है , जरा चिराग जलाओ , बडा अंधेरा है।

युवाम द्वारा उच्च न्यायालय के निर्देश पर बनी उच्च स्तरीय कमेटी में प्रसिद्ध पर्यावरणविद खुशालसिह पुरोहित को शामिल किए जाने पर युवाम सभागृह में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। यह कमेटी पेड़ों की कटाई तथा परिवहन को लेकर वन नीति बनायगी। युवाम संचालक पारस सकलेचा ने कहा  कि खुशालसिंह पुरोहित का हाई पावर कमेटी में शामिल किया जाना युवाम परिवार के लिए गर्व की बात है।  खुशाल सिंह ने पर्यावरण के क्षेत्र में अद्वितीय कार्य किया है । सकलेचा ने उपस्थित युवाओं से कहा कि पर्यावरण की रक्षा करके आप और किसी का नहीं , खुद के प्राणों की रक्षा करते हो ।

युवाम रतलाम के संचालक धर्मेंद्र मंडवारिया ने कहा कि  दादा युवाओं का सृजन कर रहे हैं और खुशालसिंह  प्रकृति  का सृजन कर रहे हैं। कार्यक्रम के प्रारंभ में खुशालसिंह पुरोहित का सम्मान कक्षा संचालक शिवम राठौर तथा सुमित पोरवाल, हर्ष उपाध्याय  द्वारा किया गया । इस अवसर पर खुशाल सिंह पुरोहित ने विद्यार्थियों से पर्यावरण संबंधित कई प्रश्न पूछे । उन्होंने कहा कि युवाम के विद्यार्थियों में पर्यावरण के प्रति काफी जागरुकता है , जो प्रशंसनीय है। कार्यक्रम का संचालन धर्मेंद्र मंडवारीया तथा आभार  शिवम राठौड़ द्वारा किया गया।