महारुद्र यज्ञ आयोजन में बढ़ाई जाएगी सनातन बंधुओं की संख्या - श्री सनातन धर्म सभा व महारुद्र यज्ञ समिति की आभार बैठक में झालानी ने रखी रुपरेखा, नियमित बैठक होगी
रतलाम। श्री सनातन धर्मसभा व महारुद्र यज्ञ समिति की आभार बैठक अमृत सागर तालाब स्थित हनुमान बाग मंदिर परिसर में हुई। त्रिवेणी तट पर हुए ग्यारह दिवसीय 70वें महारुद्र यज्ञ पर चर्चा की गई। सभी ने एक स्वर में सनातन समाज के लोगों को महारुद्र यज्ञ के आयोजन से जोडऩे की बात पर बल दिया। नियमित बैठक करने का संकल्प लिया गया।
बैठक के प्रारंभ में अध्यक्ष अनिल झालानी ने आयोजन के सफलतापूर्वक संपन्न होने पर सभी के सहयोग के लिए समिति की ओर से धन्यवाद व आभार व्यक्त किया। सदस्यों के विचार के अनुरूप सनातन धर्मसभा को चलाने की मंशा व्यक्त की। इसके साथ ही भविष्य की योजनाओं की रूपरेखा भी सदस्यों के बीच में प्रस्तुत की।
बैठक में आयोजन व समिति की गतिविधियों की समीक्षा करते हुए भविष्य में नियमित रूप से बैठक आयोजित करने संबंधी संकल्प लिया गया। बैठक में अनेक सदस्यों ने आयोजन तथा सनातन धर्मसभा की गतिविधियों को लेकर विचार व्यक्त किए।
बैठक की अध्यक्षता कर रहे पूर्व अध्यक्ष कोमलसिंह राठौर (पूर्व विधायक) ने सनातन धर्मसभा द्वारा 70 साल से होने जा रहे आयोजन के कारण, इतिहास व पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला। समिति के रामचंद्र शर्मा, डा. राजेंद्र शर्मा, लालचंद टांक, बृजेंद्रनंदन मेहता, बंसीलाल शर्मा, गोपाल झवेरी, सूरजमल टांक, यज्ञाचार्य दुर्गाशंकर ओझा, संजय दवे, महिला मंडल की तारादेवी सोनी, राखी व्यास आदि उपस्थित थे। आभार महामंत्री नवनीत सोनी ने माना।
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-धर्मशाला निर्माण के लिए मांगे सुझाव
रतलाम। बैरवा पंचायत रंग कारखाना-जवाहरनगर की साधारण सभा की बैठक आंबेडकर भवन जवाहरनगर ए बगीचे में हुई। अध्यक्षता प्रेम बेनावत ने की।
अध्यक्ष मनोहरलाल मरमट ने बताया कि कार्यकारिणी सदस्य जानकीलाल नगावत के निधन पर जगदीश बडग़ोत्या को कार्यकारिणी सदस्य नियुक्त किया गया। समाज की धर्मशाला निर्माण के लिए भूमि उपलब्ध कराने के लिए अगली बैठक में सभी सदस्यों से सुझाव देने को कहा गया। आय-व्यय विवरण को पंचों ने ध्वनि मत से पारित किया। बैठक में अनुपस्थित रहने वाले सदस्यों से 100 रुपये प्रति बैठक शुल्क, खुशी के मौके पर किन्नर समाज को दी जाने वाली राशि 501 रुपये निर्धारित कर दी गई। मृत्यु भोज बंद करने, शादी-ब्याह, कपड़ा प्रथा आदि पर अनावश्यक खर्च नहीं करने का अनुरोध किया गया। आभार रमेशचंद्र मरमट ने माना।