रतलाम में 20 को होगा आचार्य नयचंद्र सागर सूरीश्वरजी की निश्रा में महा शतावधान

रतलाम में 20 को होगा आचार्य नयचंद्र सागर सूरीश्वरजी की निश्रा में महा शतावधान

आचार्य नयचंद्र सागर सूरीश्वरजी की निश्रा में 20 को रतलाम में होगा महा शतावधा
रतलाम : महा शतावधानी आचार्य नयचंद्र सागर सूरीश्वरजी की निश्रा में रतलाम में आचार्यश्री के शिष्य शतावधान करने जा रहे हैं। यह पहला अवसर होगा जब रतलाम में आमजन को आत्मशक्ति का चमत्कार देखने को मिलेगा। उक्त आयोजन 20 अक्टूबर को सागोद रोड स्थित चंपा विहार में सुबह नौ बजे से होगा।
सैलानावालों की हवेली मोहन टाकीज में मीडिया से चर्चा में गणिवर्य डा. अजीतचंद्र सागरजी ने कहा कि अपने दिमाग की ताकत को सुपर ब्रेन पावर बनाने का प्रयास रतलाम में पहली बार आचार्यश्री की निश्रा में हो रहा है। हम सामान्य से असाधारण मनुष्य कैसे बने उसके लिए आचार्यश्री प्रयत्न कर रहे हैं। सामान्य तौर पर सदियों में एक-दो व्यक्ति शतावधानी बनते हैं, लेकिन शिष्य शिल्पी आचार्यश्री के 28 में से 10 शिष्य शतावधानी बने हैं, जो की अविश्वसनीय और अकल्पनीय है। उन्हीं शिष्यों में से चंद्रप्रभचंद्र सागरजी महा शतावधान कर रहे हैं।
गणिवर्य डा. अजीतचंद्र सागरजी के अनुसार मुनिश्री द्वारा क्रमवार एक से 200 तक आमजन द्वारा किए गए सवालों के जवाब उसी क्रम में दिए जाएंगे, जिस क्रम में सवाल किए जाएंगे। इसमें कोई भी व्यक्ति उसके द्वारा पूछा गया प्रश्न किस क्रम में था वह भी मुनिश्री बताएंगे। इसमें एक से लेकर 200 तक और 200 से लेकर एक तक के सभी प्रश्न क्रमवार ऊपर से नीचे और नीचे से ऊपर भी बताएंगे।
बड़ी बात यह है कि आचार्यश्री के शिष्य गणिवर्य डा. अजीतचंद्र सागर स्वयं सहस्त्रावधानी है। वह 100 नहीं बल्कि 1000 चीजें क्रम से याद रखते हैं और उसी क्रम में बता सकते हैं। मुंबई के एक बड़े स्टेडियम में 10000 गणमान्यजनों की उपस्थिति में गणिवर्य डा. अजीतचंद्र सागर द्वारा उपस्थितजन द्वारा पूछे गए 1000 प्रश्न उसी क्रम में बताए थे। इसके बाद उन्हें सहस्त्रावधानी  की पदवी दी गई। उक्त कार्यक्रम में हाईकोर्ट के 15 जज के साथ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री व प्रतिष्ठित गणमान्यजन सहित देश-विदेश से बुलाए गए विशेष अतिथियों के साथ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर आदि उपस्थित रहे थे।