125 करोड का राजस्व देकर भी हो रहे परेशान -रजिस्ट्री और नामांतरण संबंसी समस्या को लेकर नाराज प्रापर्टी व्यवसायी संघ ने चलाया अभियान, ज्ञापन दिया

जावरा। रजिस्ट्रियों पर बेन और नामांतरण के साथ ही अन्य समस्याओं को लेकर रतलाम जिला प्रॉपर्टी व्यवसायी संघ द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन के तहत शुक्रवार को जिले के समस्त जनप्रतिनिधियों से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग को लेकर पत्र सौंपे गए। संघ ने बताया कि प्रतिवर्ष मध्य प्रदेश शासन को पंजीयन विभाग से लगभग 125 करोड रुपए का राजस्व देने में हमारा महत्वपूर्ण योगदान रहता हैं, इतना बड़ा योगदान के बावजूद भी शासन प्रशासन और जनप्रतिनिधि हमारी समस्याओं की ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। मध्य प्रदेश शासन ने सायबर तहसील के तहत रजिस्ट्री के साथ ही सीधे नामांकन किए जाने का प्रावधन किया हैं, जिसके तहत क्रेता को नामांतरण के लिए पटवारी या राजस्व विभाग के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे लेकिन ऐसा नहीं हो रहा हैं। रजिस्ट्री होने के बाद भी तत्काल नामांतरण नहीं हो पा रहे हैं। नामांतरण के लिए प्रशासन द्वारा सन 1956, 57 का रिकॉर्ड मांग कर परेशान कर नामांतरण नहीं किया जा रहा हैं। प्रापर्टी व्यवसाईयों ने कहा कि शासन स्वयं अपना रिकार्ड सुधार करें, जिस दिन रजिस्ट्री होती हैं उस दिन खरास खाते में जो नाम अंकित हैं, उसी नाम पर नामंतरण करें। लेकिन जब शासन स्तर से 56-57 का रिकार्ड मांगा जाता हैं उनके पास भी रिकार्ड नहीं मिलता हैं। ऐसे में पुराने रिकार्ड की मांग नहीं की जाए। ऐसा ना कोई नियम है ना ही कोई लिखित आदेश है उसके बावजूद भी हम प्रॉपर्टी व्यवसाय को परेशान किया जा रहा हैं।
रजिस्ट्री और नामांतरण से हटाई जाए रोक -
पत्र में दूसरी समस्या बताते हुए कहा कि पूर्व जिलाधीश द्वारा कालम 12 के अंदर कुछ जमीन के टुकड़ों पर रजिस्ट्री और नामंत्रण पर रोक लगा दी गई है जिसे तत्काल प्रभाव रोक हटाई जाए रजिस्ट्री और नामांतरण चालू किया जाए तीसरी हमारी समस्या पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा घोषणा की गई थी पर नामांतरण परमिशन चालू कर दी जाएगी जिसे चालू नहीं किया गया इसे अतिशशीघ्र चालू किया जाए नहीं तो हमारी यह मांगे जब से इसे बंद किया गया उसके पहले की सभी विभाजित प्लांट हो चुके हैं उनके नामांतरण में परमिशन दी जानी चाहिए उगे किसी भी प्रकार की रोक नहीं होना चाहिए।
जांच के नाम पर किया जाता हैं परेशान -
हमारी समस्या है कि धारा 165 क अंतर्गत पटवारी, गिरधावर, तहसीलदार, एसडीएम लोगों की जांच के नीति नियम की पूर्ति करते हुए जिलाधीश द्वारा रजिस्ट्री की परमिशन दी जाती है कुछ समय बाद कमिश्नर द्वारा जांच के नाम पर बहुत परेशान करते हुए उन रजिस्ट्री को शून्य कर दिया जाता है हमारा यह कहना है जिन अधिकारियों ने जांच करके इसकी परमिशन दी गई है सबसे पहले उनके खिलाफ कार्रवाई होना चाहिए अगर वह परमिशन नहीं देते तो हम इसके रजिस्ट्री नहीं करते।
राजस्व रिकार्ड और ट्रेस में भिन्नता भी करती हैं परेशान -
पत्र में पांचवी समस्या बताते हुए कहा कि जब किसी कृषि भूमि की नप्ती होती है, राजस्व रिकॉर्ड में और ट्रैश आकृति में अगर जमीन कम ज्यादा हो तो नप्ती पंचनामा में उसका उल्लेख करना अनिवार्य होना चाहिए ताकि भविष्य में कोई नपती हो तो उसे जानकारी मेरे कि मेरी जमीन कम ज्यादा है कृषि भूमि के नपती के बाद फील्ड बुक देना अनिवार्य कर दिया जाए।
गाईड लाईन बढने से हो रही राजस्व की हानि -
जिलाधीश द्वारा रजिस्ट्री के लिए बनाए गई गाइडलाइन में कुछ व्यावसायिक क्षेत्र में अत्यधिक गाइडलाइन बढ़ाने के कारण प्रॉपर्टी के क्रय विक्रय में प्रॉपर्टी के सौदे कमी आई। जिससे शासन को राजस्व हानि हो रही हैं, साथ ही नगर सुधार न्यास के नामांतरण आने वाली समस्याओं को भी अतिशीघ्र हल किया जाए। गृहनिर्माण मंडल के भी नामांतरण में बहुत परेशान किया जाता है उसे भी सरलीकरण किया जाए इन सभी मांगों को लेकर आज रतलाम जिले के प्रॉपर्टी व्यवसाय ब्रोकर कॉलोनाइजर बिल्डर समस्याओं को लेकरआंदोलन का रूप दिया हैं।
मंडियों में कल से दो दिन अवकाश
रतलाम : मुख्य अनाज मंडी प्रांगण महू रोड, लहसुन प्याज मंडी प्रांगण पावर हाउस रोड और नामली उपमंडी प्रांगण में दो और तीन फरवरी को अवकाश रहेगा। मंडी सचिव एमएस मुनिया ने बताया कि दो फरवरी को रविवार का शासकीय अवकाश और व्यापारी संघ के आवेदन अनुसार तीन फरवरी वसंत पंचमी पर्व होने से तीनों मंडियों में अवकाश रहेगा। हरी सब्जी का क्रय- विक्रय चालू रहेगा।