युवा संगीतकार सिद्घार्थ काश्यप की मौजूदगी में रुहानियत संगीत निशा आयोजित, अजहर हाशमी के सूफियानी गीतों की संगीतमय प्रस्तुति हुई

युवा संगीतकार सिद्घार्थ काश्यप की मौजूदगी में रुहानियत संगीत निशा आयोजित, अजहर हाशमी के सूफियानी गीतों की संगीतमय प्रस्तुति हुई

रतलाम। प्रो. अजहर हाशमी के सूफियाना अंदाज में लिखे गीतों की संगीतमय प्रस्तुति का कार्यक्रम रूहानियत हुआ। युवा संगीतकार सिद्धार्थ कश्यप मुख्य अतिथि रहे। अध्यक्षता डीआरएम अश्वनी कुमार ने की। इस मौके पर प्रो. हाशमी पर केंद्रित पुस्तक का विमोचन भी किया गया।
काश्यप ने कहा कि प्रो. हाशमी साहित्य के इनसाइक्लोपीडिया थे। उनका ज्ञान-कोष इतना समृद्ध था कि प्रत्येक साहित्यिक प्रश्न का उत्तर और हर समस्या का समाधान उनके पास सहजता से उपलब्ध हो जाता था। वे केवल एक साहित्यकार नहीं, बल्कि गुरु-शिष्य परंपरा के जीवंत संवाहक थे। काश्यप ने प्रो. हाशमी की बेटियों को समर्पित प्रेरणादायक कविता प्रस्तुत ‘अपनी ताकत पर करो तुम गौर बिटियां, खुद को क्यों समझती तुम कमजोर बिटियां’ के माध्यम से बेटियों को आत्मविश्वास और आत्मबल का संदेश दिया। कुमार ने कहा प्रो. हाशमी की लेखनी सहज, सरल और संवेदनशील है। उनके गीत सीधे दिल में उतरते हैं और इस समाज को नई दिशा देने का कार्य करते हैं।
स्नेह पंडित, किरण छाबड़ा, संगीता जैन, रुद्राक्ष दवेसर, जितेंद्र चौहान और प्राची पुरोहित ने प्रो. हाशमी की कविताओं को संगीतबद्ध स्वरूप में प्रस्तुत किया। तबले पर तल्लीन द्विवेदी व हारमोनियम पर रोहित परिहार ने  संगत दी। कार्यक्रम में साहित्य अकादमी द्वारा प्रो. हाशमी पर निर्मित वीडियो क्लिपिंग भी दिखाई गई। वरिष्ठ पत्रकार अर्चना शर्मा द्वारा तैयार किया गया एक विशेष पाडकास्ट भी दर्शकों के साथ साझा किया गया।  काश्यप ने प्रतिवर्ष प्रो. हाशमी की स्मृति में किसी नवोदित साहित्यकार या संगीतकार को उत्कृष्ट रचना के लिए 51 हजार रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा भी की।
वरिष्ठ पत्रकार क्रांति कुमार चतुर्वेदी, साहित्यकार अरुण जैन, रमेश चोपड़ा, डा. मुरलीधर चांदनीवाला, प्रो. रतन चौहान, अरविंद पुरोहित, कैलाश व्यास, ओपी मिश्र आदि उपस्थित रहे। संचालन डा. प्रवीणा दवेसर ने किया। आभार सतीश त्रिपाठी ने माना।
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