आदिवासी दिवस पर शहर सहित अंचल में निकाली गई रैलियां, शहर की सडक़ो पर पारपंरिक वेशभूषा में नजर आया आदिवासी समाज

आदिवासी दिवस पर शहर सहित अंचल में निकाली गई रैलियां, शहर की सडक़ो पर पारपंरिक वेशभूषा में नजर आया आदिवासी समाज

रतलाम। विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर रतलाम की सडक़ों पर आदिवासी समाज के लोग पारंपरिक वेशभूषा में नजर आए। इस दौरान शहर की सडक़ों पर आदिवासी संस्कृति बिखरी हुई नजर आई। आकर्षक वेशभूषा में कतारबद्ध और ढोल की थाप पर नाच गाना करते हुए युवक-युवतियां, महिलाएं और पुरुष एक ही ताल पर लहराते हुए कभी हाथ उठाकर अभिवादन करते चल रहे थे तो वहीं हजारों लोगों की झूमती, थिरकती रैली लाउडस्पीकर पर बजते आदिवासी लोकगीतों पर नाच रहे थे। आदिवासी समाज की संस्कृति और आकर्षक वेशभूषा को देखने के लिए रुके शहरवासी भी थिरकने पर मजबूर हो गए। और जमकर आदिवासी गीतों पर नृत्य किया और अपनी संस्कृति की खुशबु शहर में बिखेरते चले। वहीं इस रैली का जगह-जगह पुष्प और गुलाल से स्वागत किया गया।


अंतर्राष्ट्रीय आदिवासी दिवस पर शहर में निकली रैली में आदिवासियों ने एकता का परिचय देते हुए कतारबद्ध रैली निकाली और उत्साह के साथ आदिवासी दिवस मनाया। आदिवासी विकास परिषद् सहित विभिन्न आदिवासी संगठनों के बेनर तले विश्व आदिवासी दिवस पर विशाल रैली का आयोजन किया गया।
आदिवासी अपने परंपरागत संगीत की थाप पर आदिवासी वेशभूषा में नृत्य करते हुए शामिल हुए। पूरे शहर में बिना थके समाजजन लोकगीतों पर नाचते और खुश रहने और अपनी संस्कृति से जुड़े रहने का संदेश देते बढते रहे।  शहर के बाजना बस स्टैण्ड पर एकत्र होकर आदिवासी समाज के हजारों लोग रैली के रुप में निकले। रैली यहां से शहर के मुख्य बाजारों से होती हुई नाहरपुरा, कालेज रोड, नगर निगम, बालाजी मंदिर रोड, छत्रीपुल पहुंची। यहां से रैली पोलोग्राउण्ड गई जहां रैली का समापन हुआ। रैली में अखिल भारतीय आदिवासी एकता परिषद, अखिल भारतीय भील समाज, वीर एकलव्य आदिवासी सामाजिक सेवा, आदिवासी युवा महाशक्ति, आदिवासी छात्र संगठन, शबरी सेवा संस्थान, शबरी धामआश्रम, शबरी संदेश, अजाक्स संगठन संस्था आदि दर्जनों संगठनों और समूहों ने सामूहिक रूप से आयोजन किया गया। इस अवसर पर अभय ओहरी, कांग्रेस नेता राजेश भरावा, आदिवासी कांग्रेस जिलाध्यक्ष किशन सिंगाड़, दिनेश शर्मा, गौतम जाट, सूरतलाल डामर, आरसी भगोरा, राजीव देवदा, विजय खदेड़ा  आदि सहित बडी संख्या में आदिवासी समाजजन उपस्थित थे।