नर्सिंग ऑफिसर हड़ताल की राह पर...मरीजों की परेशानी बढ़ी
-प्रशिक्षु नर्सिंग स्टाफ और छात्रों के भरोसे स्वास्थ्य व्यवस्थाएं
रतलाम। अपनी मांगो को लेकर लगातार प्रदर्शन करने वापली नर्र्सिंग आफिसर अब हड़ताल की राह पर चली गई हे। जिला अस्पताल और मेडिकल कालेज में हड़ताली नर्सिंग स्टाफ ने जमकर नारेबाजी करते हुए मांगे पूरी करने की सरकार से मांग की है। यहा जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में नर्सिंग स्टाफ की हडताल के कारण मरीजों को परेशानी का सामना करना पड रहा है। स्टाफ की वजह से मरीज बेहाल हैं तो वही ऑपरेशन भी समय पर नही हो पा रहे है। जिले के अंचल से आने वाले मरीजों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड रहा है। प्रशिक्षु नर्सिंग स्टाफ और विद्यार्थियों के सहारे ही व्यवस्थाए चलाई जा रही हैं।
यह तस्वीर है मेडिकल कॉलेज की यहां भी करीब तीन सौ नर्सिंग स्टाफ हड़ताल पर है। मांग हमारी पूरी हो चाहे जो मजबूरी हो, सहित ग्रेट टू की मांगों के समर्थन में हड़ताल पर है। हड़ताली नर्सिंग स्टाफ ने बुधवार को टिफिन र चर्चा का आयोजन कर धरना स्थल पर ही टिफिन खाते हुए आगामी रणनीति पर चर्चा क। मेडिकल कॉलेज की जिलाध्यक्ष मोबिना खान ने कहा हम भी तो मामाजी की लाडली लक्ष्मी और लाड़ली बहना है, हमारी मांगो पर मामा ध्यान क्यो नहीं दे रहे हैं। हम भी मानवता है हम जब कोई तकलीफ आती हैं हड़ताल के बाद भी मदद कर रहे है। कोरोना के समय में हम फ्रंड वर्कर थे। अब जब तक हमारी मांगे पूरी नही होगी हड़ताल जारी रहेगी ।
जिला अस्पताल की एसोसिएशन के संभागीय अध्यक्ष मीना पाटिल, जिलाध्यक्ष जीनत स्टीफन, मेडिकल कॉलेज की जिलाध्यक्ष मोबिना खान, उपाध्यक्ष जिगनिशा गोयल सहित अन्य ने बताया कि सरकार हमारी बात सुनने को तैयार नहीं है। हम भी नहीं मानने वाले हैं। हडताल अनिश्चितकालीन रहेगी। परेशानी हो रही है, लेकिन हमारी भी मजबूरी है।
-यह है नर्सिंग आफिसर्स एसोसिएशन की प्रमुख मांगे
-नर्सिंग ऑफीसर की ग्रेड पे बढ़ाई जाए।
-रात्रिकालीन आकस्मिक भत्ता दिया जाए।
-नर्सिंग स्टाफ के 2018 के नियम में बदलाव कर एसोसिएशन के सुझावों को लें।
-नर्सिंग स्टूटेंड के स्टायपेड में वृद्धि की जाए।