दस माह की मासूम को ढूंढने में नो दिनों तक दिनरात एक करती रही पुलिस, एमपी के अलावा राजस्थान-गुजरात भी खंगाला, 200 केमरों को चेक किया और करीब 100 लोगों से हुई पूछताछ
जावरा। कालूखेड़ा थाना क्षेत्र के ग्राम लसुडियानाथी की दस माह की मासूम को उठाने वाला और कोई नही पडोस में रहने वाला एक युवक ही निकला। पुलिस बच्ची के अपहरणकर्ता को ढूंढने के लिए मध्यप्रदेश के मंदसौर-नीमच, रतलाम आदि जिलों को खंगालने के अलावा राजस्थान और गुजरात में भी मशक्कत कर आई तो वहीं करीब 100 लोगों से पूछताछ भी हुई। पुलिस ने बच्ची को पता देने वालों के लिए 1 लाख रुपये के इनाम की घोषणा भी की थी, लेकिन जब आरोपी मिला तो पता चला उसने बच्ची को मार दिया था। बहरहाल कल दोपहर में विस्तार से बताया कि कैसे यह पूरा घटनाक्रम हुआ।
एसपी राहुल लोढा ने बताया कि आरोपी दशरथ पिता रामलाल कटारिया बच्ची की मां पर बुरी नजर रखता था। आरोपी दशरथ पीड़िता का पड़ोसी ही था। अपने गंदे मकसद को पूरा करने के लिए ही उसने मासूम का अपहरण किया था । अपहरण करने के बाद बच्ची के रोने पर पकड़े जाने के डर से मुंह दबाकर मासूम बच्ची की हत्या कर दी और शव अपने घर के पिछे कुएं में फेंक दिया।
-पहले दिन हो गया था पुलिस को पड़ोसी पर शक, फिर भी अन्य पहलुओं पर जांच के लिए दौड़ती रही पुलिस टीमे
जिले के ग्राम लसुडय़िानाथी निवासी कारूलाल के घर से 17 अगस्त की रात 10 से 12 बजे के बीच उसकी बहन की 10 महीने की बेटी तनु लापता हो गई थी।
घटना की शुरुआती जांच में ही पुलिस स्निफर डॉग स्क्वॉड लेकर मौके पर पहुंची थी। डॉग के संकेत के आधार पर दशरथ पर शक होने पर पुलिस ने दशरथ को पूछताछ के लिये बुलाया था पर उसने कुछ नहीं बताया। दो दिन तक दशरथ से पूछताछ होने पर पकड़े जाने के डर से तीसरे दिन फिर बुलाने पर वह फरार हो गया। आरोपी भागकर राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले के बरोठा स्थित अपने ससुराल के खेत की झोपड़ी में छिपा था। जिसे रविवार सुबह पुलिस ने पकड़ा।
रविवार की सुबह प्रतापगढ़ जिले के हतुनिया थाना पुलिस ने दशरथ (25) पिता रामलाल कटारिया को पकडक़र कालूखेड़ा (रतलाम) पुलिस के हवाले किया। शाम को 4 बजे आरोपी की शिनाख्ती पर कुएं से बच्ची का शव बरामद किया गया। बच्ची का शव पूरी तरह गल गया और दुर्गंध मारने लगा था। मेडिकल कॉलेज की पैनल से उसका पीएम करवाया गया। फॉरेंसिक टीम ने भी जांच की।
10 माह की बच्ची के अपहरण के बाद से जिले की पुलिस ने उसे बरामद करने के लिए रात दिन एक कर दिया था। एसपी राहुल लोढा स्वयं कई बार गांव जाकर तफ्तीश कर चुके थे। एएसपी राकेश खाखा, जावरा सीएसपी दुर्गेश आर्मी, जावरा एसडीओपी शक्ति सिंह चौहान, कालूखेड़ा थाना प्रभारी नीलम चौंगड़ सहित पुलिस के अलग-अलग टीमे मामले को सुलझाने में लगी थी।
-इनकी रही सराहनीय भूमिका
प्रकरण में थाना कालुखेडा से निरीक्षक नीलम चौंगड, उनि कैलाश जोशी, उनि शरीफ खान, सउनि मोहम्मद युनुस खान, सउनि गलसिह भवेल, सउनि मनीष शर्मा, प्र आर राजसिह, प्र आर जगवीरसिह, प्र आर विजय मीणा, प्र आर कृष्णपालसिह, आर सावरिया पाटीदार, आर रोहित दसोरिया, आर अनिल जाट, आर हिम्मतसिह, आर श्याम पण्डया, आर अनिल रावत, आर नरेन्द्र डाबी, आर कमलेश बुनकर, आर पवन जाट, आर लक्ष्मण, मआर पुजा, मआर निशा, थाना जावरा शहर से निरीक्षक जितेन्द्रसिह जादौन, उनि प्रतापसिह भदौरिया, आर लक्ष्मण नागदा, आर यशवन्त जाट, आर ललित जगावत, थाना औधोगिक क्षेत्र जावरा से निरीक्षक मुनेन्द्र गौतम, आर दीपराजसिह, थाना रिंगनोद से निरीक्षक हरिश जेजुरकर, उनि कन्हैया अवस्या, सउनि सगीर खान, आर राजेश सेंगर, आर कमलेश पाण्डे, महिला बल मआर मंजु भाटी, मआर प्रतीभा परिहार (चौकी सालाखेडी), रेडियो शाखा रतलाम से उनि राजा तिवारी, प्र आर शान्तिलाल डिंडोर, आर पारस चावला, आर निलेश शर्मा, थाना प्रभारी हथुनिया उनि इन्द्रजीत परमार, आर सुरेश मीणा व डाग स्काट रतलाम टीम से आर नागुलाल, वन स्टाप सेन्टर से स्वाति व्यास की सराहनीय भुमिका रही।