काश्यप के ऊपर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने किया ट्वीट, दी नसीहत

काश्यप के ऊपर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने किया ट्वीट, दी नसीहत

भोपाल /रतलाम। मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेत्री उमा भारती ने कैबिनेट मंत्री रतलाम शहर विधायक चैतन्य कश्यप पर तंज कसते हुए एक x पर एक ट्वीट किया है और उनको नसीहत देते हुए कहा है कि विधायक के तौर पर अपना वेतन छोड़ने की बजाय वो उसका सदुपयोग अभावग्रस्त लड़कियों की शिक्षा के लिए करें। बता दें कि हाल ही में भाजपा विधायक चेतन कश्यप ने घोषणा की थी कि वो विधायक के तौर पर मिलने वाला वेतन, भत्ते और पेंशन नहीं लेंगे। इस बात की काफी तारीफ भी हुई लेकिन अब बीजपी की फायरब्रांड नेता ने उन्हें आड़े हाथों लिया है।

दरअसल, कैबिनेट मंत्री चेतन कश्यप ने अपनी संपत्ति 296 करोड़ घोषित की है और इसके बाद उमा भारती का कहना है कि इतना संपन्न व्यक्ति अगर साल का करीब 12 लाख रुपये वेतन नहीं लेता है तो इसमें इतनी वाहवाही की क्या बात है। उन्होने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि अब कैबिनेट मंत्री का दर्जा पा चुके कश्यप को अपना वेतन छोड़ने की बजाय जरुरतमंद लड़कियों की शिक्षा पर खर्च करना चाहिए। इसी के साथ उन्होने कहा है कि 'पूंजीपति विधायकों' के लिए ये आसान है लेकिन जो अपना सब कुछ त्यागकर राजनीति में जनसेवा के उद्देश्य से आए हैं, ऐसे विधायकों को आज की स्थितियों के अनुसार वेतन और भत्ते मिलना चाहिए।

उमा भारती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि हाल ही में मंत्री बने तथा रतलाम के एक संपन्न जैन व्यवसायी चेतन कश्यप ने अपनी संपत्ति 296 करोड़ घोषित की हैं। अभी कुछ दिनों पहले मध्यप्रदेश के अखबारों में उनकी तारीफ़ लिखी थी की वो अपना विधायक का वेतन नहीं लेते जो की साल भर का क़रीब 12 लाख होता हैं। 296 करोड़ वाला व्यक्ति अगर सरकार के 12 लाख छोड़ देता है तो इसमें कौनसी बड़ी बात हैं। चेतन कश्यप सरकार को वेतन वापिस करने के बजाय वह राशि अभावग्रस्त लड़कियाँ की शिक्षा पर खर्च करें। हमे यह याद रखना पड़ेगा की सभी विधायक बड़े व्यवसायी नहीं होते और ना वो राजनीति से अपना व्यवसाय बढ़ाते हैं।

उमा ने आगे लिखा है कि एक बार सांसद वरुण गाँधी ने कहा था की सांसदों को वेतन एवं पेंशन नहीं लेना चाहिए। वरुण गाँधी ऐसा कर सकते है क्यूँकि वो हज़ारो करोड़ों की पैतृक संपत्ति के मालिक है। अपना सर्वस्व त्यागकर राजनीति के माध्यम से जनसेवा करने वाले जनप्रतिनिधियों को हर तरह की सहूलियत सरकार से मिलनी चाहिए। अगर विधायकों और सांसदों को ईमानदारी की राह पर चलना आसान बनाना है तो चेतन कश्यप जैसे पूँजीपति विधायकों को छोड़कर सभी विधायक की सैलरी एवं अन्य भत्ते आज की सभी परिस्थितियों को देखकर मिलना चाहिए ।

लेकिन इधर जैसे ही उमा ने यह पोस्ट की सोशल मीडिया पर अलग-अलग तरीके से इस बात पर प्रतिक्रिया होने लगी। इस बीच मंत्री काश्यप उमा भारती से मिलने और उनका आशीर्वाद लेने पहुंचे। भारती ने काश्यप का स्वागत किया और आशीर्वाद भी दिया। इसी बीच शाम को फिर उमा ने पोस्ट डाली जिसमें लिखा गया कि मेरी बातों का गलत मतलब निकाला गया। मै सिर्फ यह कहना चाहती थी कि लोकतंत्र में अमीर -गरीब सभी को सांसद-विधायक बनने का अधिकार है। काश्यप को मै वर्षो से जानती हूं, वे बहुत बड़े दानी, समाजसेवी और व्यवसायी है। मुझे उनसे कोई तकलीफ नही। इधर इस सारे घटनाक्रम से काश्यप को खूब सुर्खिया मिली। अब तक यदि किसी को यह जानकारी नही होगी कि वे अपने वेतन भत्ते पहली बार विधायक बनने से ही नही ले रहे है तो इस टवीट और घटनाक्रम से और ज्यादा लोगों को यह बात पता चल जाएगी। हालांकि बताते चले कि रतलाम विधायक रहने के दौरान और उससे पहले भी काश्यप सेवा कार्यो , धार्मिक कार्यो और लोगों की मदद के मामले में खूब खर्चा करते रहे है। काश्यप द्वारा बनवाए गए अहिंसा ग्राम को मॉडल के रुप में पहचाना जाता है तो वहीं कुपोषण के खिलाफ काश्यप ने अपने फाउंडेशन से विशेष अभियान चला रखा है। इसके अलावा खेल मेलो के जरिए और प्रतिभा सम्मान के जरिए वे बच्चों की शिक्षा और कुशलता को प्रोत्साहित करते आए है।