वर्षभर में हुई जानी-अनजानि गलतियों के लिए क्षमा मांगी, मुंह मीठा कराया

वर्षभर में हुई जानी-अनजानि गलतियों के लिए क्षमा मांगी, मुंह मीठा कराया

रतलाम। जैन श्वेतांबर खरतरगच्छ श्रीसंघ द्वारा पर्युषण महापर्व के अंतिम दिन क्षमापना पर्व मनाया गया। इस दिन समाज के युवा व बुजुर्गों ने सालभर के दौरान जाने-अनजाने में हुई गलतियों के लिए एक-दूसरे के घर जाकर क्षमायाचना की। एक-दूसरे को मिठाई भी खिलाई गई। चितरंजन लालन, दीपक चौरडय़िा, आदर्श राखेचा, आलोक गांधी, प्रबल चौरडय़िा, मनीष लालन, मिलन राखेचा, कमल नयन लालन, राहुल गांधी, रौनक कोठारी, संजय संचेती  आदि उपस्थित थे।
चित्र 817 : जाने-अनजाने में हुई गलतियों के लिए क्षमायाचना करते हुए समाजजन।

-नोलाईपुरा स्थानक में सामूहिक क्षमापना का आयोजन
आचार्य उमेशमुनिजी के सुशिष्य प्रवर्तक जिनेंद्रमुनिजी की आज्ञानुवर्ती साध्वी संयमप्रभाजी, प्रज्ञाजी, सुज्ञाजी आदि ठाणा-नौ श्री धर्मदास जैन मित्र मंडल नोलाईपुरा स्थानक पर वर्षावास के लिए विराजित हैं। अणु मित्र मंडल अध्यक्ष रितेश मांडोत व अणु श्राविका मंडल अध्?यक्ष मोनिका मिलिन गांधी ने बताया कि
महापर्व के अंतिम दिन रविवार को साध्वी संयमप्रभाजी आदि ठाणा-नौ के सान्निध्य में सैलानावालों की हवेली-मोहन टाकीज में संवत्सरी महापर्व मनाया गया। मिलिन कोठारी ने बताया कि व्याख्यान, अंतगढ़ सूत्र का वाचन, पट्टावली व आलोयना का आयोजन मोहन टाकीज में हुआ। शाम को देवसीय प्रतिक्रमण किया गया। श्रावकों के पौषध, संवर व प्रतिक्रमण की व्यवस्था मोहन टाकीज पर रही। श्राविकाओं ने पौषध, संवर व प्रतिकमण नोलाईपुरा व कस्तूरबानगर स्थानक पर किया। सोमवार को सामूहिक क्षमापना का आयोजन नोलाईपुरा स्थानक पर होगा। इसमें श्रावक-श्राविकाएं यहां विराजित संयमी आत्माओं के साथ एक-दूसरे से क्षमायाचना करेंगे।

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दिगंबर जैन समाज के पर्युषण महापर्व शुरू
उत्सवी माहौल में रविवार से दिगंबर जैन समाज का आत्म शुद्धि व आराधना का पर्युषण महापर्व प्रारंभ हुआ। महापर्व के दौरान समाजजऩ तप-त्याग-तपस्या व संयम की आराधना में लीन रहेंगे। शहर के सभी दिगंबर जैन मंदिरों में अनेक धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं।
श्री चंद्रप्रभ दिगंबर जैन श्रावक संघ संयोजक मांगीलाल जैन ने बताया कि प्रथम दिन श्री चंद्रप्रभ दिगंबर जैन मंदिर स्टेशन रोड पर दस दिवसीय पर्युषण महापर्व में समाधि सम्राट आचार्य विद्यासागरजी के शिष्य मुनि विराट सागरजी के प्रिय बाल ब्रह्मचारी चिद्रूप भैया के सान्निध्य में सुबह जिनेंद्र भगवान के अभिषेक, शांति धारा की गई। जिनेंद्र भगवान के प्रथम अभिषेक करने का लाभ अजय बाकीवाला, आजाद जैन परिवार व प्रथम शांति धारा करने का लाभ बसंत अग्रवाल, द्वितीय लाभ राहुल जैन परिवार, तृतीय लाभ ओम अग्रवाल परिवार ने प्राप्त कर पुण्य अर्जित किया। इसके बाद बाल ब्रह्मचारी चिद्रूप भैयाजी के सान्निध्य में भक्तिमय संगीत के साथ नित्य नियम की पूजन व दस लक्षण धर्म की पूजन हुई।   दोपहर में भैयाजी ने धार्मिक क्लास ली। तत्वर्थ सूत्र की वाचना हुई। शाम नियमित सामायिक, प्रतिक्रमण व ध्यान किया गया। रात भैयाजी के मंगल प्रवचन हुए। विद्या सिंधू महिला मंडल द्वारा भक्तामर स्रोत पाठ के 48 काव्य की अलग-अलग परिवारों द्वारा दीप संजोकर संगीत भक्ति के साथ आरती की गई।