आज पांडालों से लेकर घर घर विराजेंगे बप्पा...शुरु हुआ गणेशोत्सव -पैलेस रोड पर 11 फीट उंची प्रतिमा आई, उंकाला रोड पर भी बड़ा आयोजन, अगले दस दिनों तक गणपति मंदिरों और पांडालों में रहेगी खास रौनक
रतलाम। दस दिवसीय गणेशोत्सव की शुरूआत आज से हो रही है। घर से लेकर गली-मोहल्लों, चौराहो पर धूमधाम से गणपति बप्पा को विराजमान किया जा रहा है। ढोल-ढमाके, डीजे, बैंज बाजों के साथ चल समारोह निकाल गणपति बप्पा को लाया गया। शहर के ऊंकाला गणेश मंदिर, पैलेस रोड स्थित चिंतामन गणेश मंदिर समेत अनेक देवालयों को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया गया है। गणेशोत्सव के दौरान शहर के विभिन्न गणेश मंदिरों से लेकर गणेश पांडालों तक श्रद्घालुओं का मेला रहेगा।
11 हजार लड्डूओं का लगेगा भोग
शहर के पैलेस रोड स्थित श्री नित्य चिंताहरण गणपति जी मंदिर पर सनातनी धार्मिक परंपराओं के अनुसार भव्य और विराट रूप से आयोजित किया जाएगा।
मंदिर ट्रस्ट समिति अध्यक्ष जनक नागल एवं कार्याध्यक्ष सचिन सिंह देवड़ा ने बताया की गणेश चतुर्थी पर भगवान श्री गणेश जी को स्वर्ण बरक का चोला चढ़ाया जाएगा। मंदिर पर 11 फीट ऊंची भगवान श्री तिरुपति के रूप में गणेश प्रतिमा की स्थापना की जाएगी। 11 हजार लड्डूओं का भोग लगाकर प्रसादी वितरण की जाएगी।
गणेश चतुर्थी पर ऊंकाला रोड स्थित ऊंकाला गणेश जी को चांदी के वर्क से श्रृंगार (चौला) किया गया। तीन दिन तक चांदी के वर्क से सजे गणेश जी दर्शन भक्त कर पाएंगे। इसके बाद श्रृंगार बदला जाएगा। महिला-पुरुषों के दर्शन की व्यवस्था सामूहिक रहेगी। मंदिर सुबह 6 बजे से रात 12 बजे तक लगातार खुला रहेगा। गणेश चतुर्थी पर सुबह 6.30 बजे मंगल आरती होगी। दोपहर 12 बजे जन्मोत्सव की आरती होगी। शाम 7 बजे महाआरती होगी। 10 दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए यहां आएंगे।
श्री राम मंदिर कसारा उंकाला ट्र्स्ट अध्यक्ष घनश्याम कसारा ने बताया मंदिर में सवा 11 फीट गणेश जी की खडी मूर्ति है। पूरे भारत में मात्र एक खडे गणेश जी की ऐसी मूर्ति का मंदिर रतलाम में है। शादी ब्याह से लेकर मांगलिक कार्यों के निमंत्रण की शुरूआत रतलामवासी व बाहर से आने वाले आमजन गणेश जी को पहला आमंत्रण यहां पर देकर करते है। जो मनोकामना मांगी जाती है वह पूरी होती है। रतलाम के अलावा बाहर से बडी संख्या में श्र्द्धालू दर्शन के लिए आते है। मंदिर परिसर में श्री राम दरबार, हनुमान जी व भोलेनाथ का भी मंदिर है।
ऊंकाला गणेश जी का मंदिर की स्थापना 370 वर्ष पूर्व रतलाम के स्थापना के समय राजा रतनसिंह ने किया था। राजस्थान के जोधपुर से आकर राजा रतनसिंह ने रतलाम राज्य की स्थापना की थी। उसी समय राजा के साथ जोधपुर से कसारा समाजजन साथ आए थे। राजा ने कसारा समाज को मंदिर की देखभाल की जिम्मेदारी सौंपी थी। तब से लेकर आज तक रतलाम के कसारा समाजजन मंदिर की देखरेख करते है। मंदिर के सामने पानी के तीन कुंड है। जब कुंड खोदा गया था तब पानी उकलता हुआ बाहर निकला था। तब इस क्षेत्र का नाम ऊंकाला रखा गया। इसी नाम से ऊंकाला खडे गणेश मंदिर नाम रखा गया। शहर के अलावा बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की आस्था इस मंदिर से है।
गणेश चतुर्थी पर प्रात: 9 बजे गणेश उत्सव के लिए गणेश प्रतिमा लाई जाएगी। भगवान श्री गणेश जी की प्रतिमा को स्थापित कर जजमान रुपसिंह चौहान एवं सुरेश दुबे एवं ट्रस्ट समिति द्धारा हवन-यज्ञ किया जाएगा। दोपहर 12 बजे भगवा के जन्मोत्सव की आरती एवं 11 हजार लड्?डूओं का भोग लगाया जाएगा। प्रतिदिन रात्रि 8 बजे विशेष आरती की जाएगी।