मणिपुर की घटना के विरोध में सडक़ पर उतरा आदिवासी समाज
जयस और आदिवासी छात्र संगठन ने रैली निकाल दिया राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन
रतलाम। विगत दिनों मणिपुर राज्य में दो कुकी आदिवासी महिलाओं के साथ बर्बरता और दरिंदगी के वीडियों वायरल होने के बाद पूरे देश में आक्रोश व्याप्त है। इसके साथ ही मणिपुर मे जारी हिंसा रोकने और वहां राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग को लेकर जय आदिवासी संगठन (जयस) और आदिवासी छात्र संगठन सहित अन्य सामाजिक संगठनों ने कलेक्टोरेट पहुंचकर ज्ञापन दिया। सोमवार दोपहर करीब तीन बजे आदिवासी समाज के लोग और जयस समर्थक कोर्ट चौराहे पर एकत्रित हुए और यहा से रैली निकालते हुए मणिपुर की घटना को लेकर विरोध दर्ज कराया और नारेबाजी की। इसके बाद सभी कलेक्टोरेट कार्यालय पहुंचे। यहा राष्ट्रपति के नाम डिप्टी कलेक्टर सुनील जायसवाल को ज्ञापन दिया।
ज्ञापन में मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू कराने, नफरती वैचारिक राजनीतिक, धार्मिक जहर रोकने एवं दोषियों को कड़ी कानूनी सजा देने की मांग प्रमुखता से की गई। इस दौरान जयस सामाजिक कार्यकर्ता चंदू मईडा, जिला पंचायत उपाध्यक्ष केशूराम निनामा, जिला पंचायत सदस्य शरद डोडियार, कालू भाभोर, ध्यानवीर डामोर, जुलवानिया सरपंच छोटू भाभर, महेश मालवीय, बंटी डाबी, आदिवासी समाज के दिनेश माल, किशन सिंगाघ, ध्यानवीर डामोर, धु्रवलाल निनामा, रामचंद्र भगोरा, कमल डामोर, हेमराज मईड़ा, हेमंत गोदा, मुकेश भाभर, सांवरिया निनामा, चंदू मईडा, केसु निनामा, राजेंद्र मईड़ा, शरद डोडियार, विक्रम चारेल, नारी शक्ति, कंकू कटारा, कविता भगोरा, सुगना माल, आदि बड़ी संख्या में समाज के छात्र-छात्राएं, महिला नारी शक्ति एवं बुद्धिजीवी वर्ग शामिल था।