सिंधी सेवा समिति नेनेत्रम संस्था से जुडकर सफलता पूवक नेत्रदान किया
एडीएमई रेल्वे से सेवानिवृत्त एवं सिंधी समाज के वरिष्ठ समाजसेवी ८८ वषीय सत्येदव गुरबानी का निधन हो गया उनके निधन होने पर उनके पुत्रो राजेश, राकेश, जयेश गुरबानी एवं परिवार के सदस्यों से गिरधारीलाल वरधानी रिटायड ऑफिसर भारतीय डाक विभाग एवं सिंधी सेवा समिति के वरिष्ठ सेवादार ने संपक किया ओर परिवार के सारे सदस्यो को नेत्रदान के लिए प्रेरित किया उनके सुझाव को मानकर तत्त्काल ही परिवार ने सहमति प्रदान की तत्पश्चात वरधानीजी ने नेत्रम संस्था रतलाम के हेमन्तजी मूणत से संपक कर उक्त नेत्रदान करवाने के लिए कहा जैसे ही नेत्रम संस्था के मूणत जी को जानकारी मिली ओर नेत्रम संस्था के हेमन्त मूणत, उज्जैन के डा. जी.एल.ददरवाल अपनी टीम समेत गुरबानी जी के निवास पर पहुंचे ओर १०.२० पर दाहिना ओर १०.२४ पर बांया कानिया सफलता पूवक निकाला इस काय मेें नेत्रम संस्था के हेमन्त मूणत, डॉ.जी.एल.ददरवाल, गिरधारीलाल वरधानी ओर सारे सदस्यो का सराहनीय सहयोग रहा है ओर साथ ही साथ सिंधी समाज रतलाम के समस्त सिंधी समाज में एक नई पहल की शुरुआत हुई। अब गुरबानीजी के सफलतापूवक लिए गए कानिया से दो जिंदगानी दुबारा इस दुनिया को देख पाएंगी। रतलाम सिंधी समाज से भी कोई भी व्यक्ति अपनी आंखो का दान करना चाहे तो वह सिंधी सेवा समिति के सेवादार गिरधारीलाल वरधानी से संपक कर सकता है।
सत्येदव गुरबानी की शवयात्रा उनके निवास स्थान ८४ संत कवंरराम सिंधु नगर गुरुदारा से निकलकर जवाहरनगर मुक्ति धाम पहुंची जहा उन्हे अंतिम मुखाग्नि उनके पुत्रो राजेश, राकेश, जयेश गरबानी एवं पोतो द्वारा दी गई उनकी अंतिम यात्रा में समाज, शहर एवं रेल्वे के कई गणमान्य नागरिक उपस्थित रहें। जिन्होने मुक्तिधाम पर सत्यदेव गुरबानी को एवं उनके सेवाकायो को याद कर उन्हे अश्रुपूरित श्रदंजलि दी गई।