नवजात शिशु गहन चिकित्सा ईकाई में समीक्षा बैठक संपन्न नवजातों की मृत्यु में आई उल्लेखनीय कमी - सिविल सर्जन डॉ.एम.एस. सागर
रतलाम। जिला चिकित्सालय में नवजात शिशु गहन चिकित्सा ईकाई में पदस्थ स्टॉफ की समीक्षा बैठक ली गई। सिविल सर्जन डॉ.एम.एस. सागर ने बताया कि अति गंभीर स्थिति के 0 से 28 दिन के नवजात शिशुओं को एसएनसीयू में भर्ती रखकर उनकी उचित स्वास्थ्य देखभाल की जा रही है । इस संबंध में पूर्व में एसएनसीयू में भर्ती बच्चों में मृत्यु की दर लगभग 16 प्रतिशत थी जो वहां उलब्ध प्रोटोकॉल आधारित स्वास्थ्य देखभाल एवं समय समय पर निरीक्षण कर सुधारात्मक कार्यवाही के कारण अब अपने न्यूनतम स्तर 9 प्रतिशत पर लाने में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की गई ।
उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य एवं चिकित्सा देखभाल के साथ साथ अब धात्री माताओं को स्तनपान एवं शिशु को गर्म रखने के परामर्श तथा जागरूकता के कारण निरंतर सुधार परिलक्षित हो रहा है। अब नियमित रूप से चिकित्सकीय उपकरणों के क्रियाशील रखने एवं मॉनिटरिंग के साथ साथ इंफेक्शन दर में भी कमी लाई जा रही है। एसएनसीयू से डिस्चार्ज होने वाले बच्चों के फॉलोअप को दृष्टिगत रखते हुए इनकी सूची आशा कार्यकर्ताओं को प्रदान की जा रही है ताकि नवजात शिशुओं की गृह आधारित देखभाल के आधार पर शिशु मृत्यु में कमी लाई जा सके। बैठक में स्टाफ का उन्मुखीकरण कर चिकित्सा देखभाल की जानकारी दी गई एवं समस्त स्टॉफ को नवजात शिशुओं की बेहतर स्वास्थ्य देखभाल के बिंदुओं पर कुशलता का आकलन किया गया।
बैठक के दौरान शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ.आर.सी.डामोर, डॉ.अखंड प्रतापसिंह, आरएमओ डॉ.अभिषेक अरोडा, अस्पताल प्रबंधक श्रीवास्तव, चेतन पांडे, चिकित्सा अधिकारी तथा नसिंग ऑफिसर एवं अन्य कर्मचारी आदि उपस्थित रहे।