बिजली कंपनी अधिकारियों के लिखित आश्वासन के बाद हुआ धरना समाप्त, कांग्रेस नेताओं के साथ करणी सेना परिवार प्रमुख जीवनसिंह ने भी दिया आंदोलन को समर्थन

जावरा शहर में बिजली कंपनी द्वारा बगैर उपभोक्ताओं की सहमति के जबरन स्मार्ट मीटर लगाए गए, जिसके बाद उपभोक्ताओं के बिजली बिलों में जमकर वृद्धि हो गई। कई उपभोक्ताओं का बिजली बिल तो इतना अधिक आया कि उन्होने बिजली बिल भरने के बजाय अंधेरे में ही गुजर बसर करना स्वीकार किया। जब पूर्व में स्मार्ट मीटर का विरोध हुआ तो बिजली कंपनी के अधिकारियों ने स्मार्ट मीटर के साथ एक पुराना मीटर भी पेरेलर लगाने की बात कहीं थी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कंपनी के अधिकारी अपनी कही हुई बात से मुकर गए और नतीजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा हैं। जिन उपभोक्ताओं के बिजली बिल पहले 100 से 200 रुपए आते थे, वही बिल स्मार्ट लगने के बाद 1500 से 2000 तथा इससे भी अधिक के हो गए। कई उपभोक्ता तो ऐसे में जिनके घरों में केवल बल्ब ही जलता हैं, उनका बिजली बिल भी हजारों में भेज दिया गया। ऐसे में अब एक बार फिर स्मार्टी मीटर का विरोध शुरु हो गया हैं। जिसके लिए बिजली पीडित उपभोक्ता समिति ने बुधवार को बिजली कंपनी कार्यालय में धरना प्रारंभ कर दिया हैं। समिति की जायज मांगे समर्थन में शुरु हुए धरने को कांग्रेस नेताओं के साथ करणीसेना परिवार प्रमुख भी धरना स्थल पर पहुंचे। करीब चार घंटे से अधिक समय तक चले धरने के बाद उपभोक्ताओं की मांगों पर बिजली कंपनी अधिकारियों ने लिखित आश्वासन दिया, जिसके बाद धरना समाप्त हुआ।
बिजली कंपनी पर लगाए मनमानी के आरोप -
इस दौरान कईं पीडित बिजली उपभोक्ताओं ने माइक पर आकर अपना दर्द सुनाते हुए बिजली कम्पनी की मनमानी की शिकायत की। एक दिव्यांग हम्माली करने वाले बुजुर्ग ने भी बिजली बिल अधिक राशि का मिलने की बात कही। उन्होंने बताया कि पहले 500, 600 रुपए हर महीने का बिल मिलता था, जो अब बढकर 2800 के लगभग पहुंच चुका है। इस मौके पर अनेक बिजली उपभोक्ता पुराने बिजली बिल लेकर पहुंचे और बताया कि पहले इतनी कम राशि के विद्युत खपत के बिल मिलते थे, अब बढ़ी हुई राशि के बिल थमाए जा रहे हैं। लोहे को पिघलाकर उसका आकार बदल देने वाले गाडोलिया समाज के मेहनतकश लोगों का जीवन भी स्मार्ट मीटर ने बेहाल कर दिया है। इस बस्ती की महिलाओं ने बताया कि हम लोग बड़ी मेहनत से रोजी रोटी कमाते हैं। लेकिन स्मार्ट मीटर लगने के बाद हमारी गाड़ी कमाई बिजली का बिल भरने में चली जाती है।
इन मागों पर दिया लिखित आश्वासन -
बिजली कंपनी अधिकारियों ने समिति को लिखित आश्वासन दिया । जिसमें ऐसे उपभोक्ता जिनके बिजली कनेक्शन विवादित बिल के चलते काट दिए गए हैं, उन्हे तत्काल निःशुल्क जोड़ा जाएगा। आगामी 7 दिनों में विद्युत बिलों से संबंधित शिकायतों को प्राप्त कर इस बाबत केंप लगाकर उनका निराकरण किया जाएगा। उपभोक्ताओं द्वारा प्राप्त स्मार्ट मिटर लगाने के असहमति पत्रों को उचित निराकरण हेतु वरिष्ठ कार्यालय भेजा जाएगा।
बाइट - जीवन सिंह शेरपुर करनी सेना प्रमुख
बाइट - राजेश भरावा कांग्रेस नेता
बाइट - एम. एस. दीक्षित कार्यपालन अभियन्ता जावरा