क्या रहवासी क्षेत्र से बाहर हो पाएंगे गैस गोदाम? 2 साल में 3 कलेक्टरों का निरीक्षण, ये भी रस्म अदायगी तो नही! सवाल वही? क्या निरीक्षण और नोटिस तक ही सीमित अधिकारी

रतलाम। *coverstory24* अग्नि दुर्घटना रोकने के लिए रहवासी क्षेत्रों से गैस गोदाम बाहर करने की दिखावटी मुहिम एक बार फिर शुरू हो गई है। हमेशा हादसे के बाद जागने वाला जिला प्रशासन एक बार फिर शहर के गैस गोदामों का निरीक्षण करने पहुंचा, 2 साल में तीन कलेक्टरों का यह तीसरा दौरा है जो सिर्फ निरीक्षण करके खानापूर्ति कर निर्देश देने का काम कर आया।
रहवासी क्षेत्रों से गैस गोदामों ओर ज्वालंतशिल पदार्थो की दुकानों को शहर की सीमा से बाहर करने के निर्देश पहले भी जारी हो चुके हैं। इसके पहले भी कई बार अधिकारी सिर्फ निरीक्षण कर नोटिस देकर अपनी रस्म अदायगी कर देते है लेकिन ना तो इनका फालोआप होता है और ना ही इनपर दोबारा कोई जांच या निरीक्षण। वही जब किसी जिले में कोई हादसा होता हे तो आनन फानन में अधिकारी दल बनाकर निरीक्षण करने पहुंच जाते हैं और ये निरीक्षण खानापूर्ति साबित हो जाता है। लेकिन शहरवासियों की जान की इन्हे कोई परवाह नहीं होती।
2 साल में ये तीसरे कलेक्टर जो निरीक्षण करने पहुंचे
रहवासी क्षेत्र से गैस गोदाम को बाहर करने की मुहिम इसके पहले भी चलाई गई थी लेकिन यह सिर्फ एक रस्म अदायगी ही साबित होती है इसके पहले भी वर्ष 2023 में तत्कालीन कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी ने भी अमले के साथ शहर के चारों गैस गोदाम का निरीक्षण किया था और इनको शहर की सीमा से बाहर करने के निर्देश दिए थे साथ ही नोटिस भी जारी किए गए थे।लेकिन कलेक्टर के तबादले के बाद यहां मुहिम ठंडे बस्ते में चली गई। इसके बाद आए तत्कालीन कलेक्टर भास्कर लक्ष्यकार ने भी 7 फरवरी 2024 में रतलाम शहर में अधिकारियों को साथ लेकर पटाखा तथा रसोई गैस सिलेंडर गोदामों का निरीक्षण किया था। इस दौरान कलेक्टर द्वारा सुरक्षा मापदंडों के आधार पर गोदामों का बारीकी से जायजा लेते हुए निर्देश दिए कि संचालकगण संवेदनशीलता के साथ गोदामों में शासन द्वारा निर्धारित सुरक्षा मापदंडों के आधार पर आमजन के हित में सुरक्षा सुनिश्चित करें। इसके साथ ही एक महीने की समय सीमा में शहर से बाहर करने के निर्देश जारी किए गए थे, लेकिन नोटिस जारी होने के बाद ना तो नगर निगम ने इस पर कोई संज्ञान लिया और ना ही जिला आपूर्ति अधिकारी ने कोई रुचि दिखाई। हालत जस के जस वही बने हुए हे। गैस गोदाम शहर से बाहर नहीं हो पाए और यहा मुहिम भी ठंडे बस्ते में चली गई।
अब वर्तमान कलेक्टर राजेश बाथम ने भी बुधवार को अमले के साथ गैस गोदामो का निरीक्षण किया है और रहवासी क्षेत्रो में बसे गैस गोदामों को शहर की सीमा से बाहर करने के निर्देश दिए हैं। देखते हैं अब यह निरीक्षण भी क्या सिर्फ एक रस्म आएगी साबित होगा या फिर गोदाम बाहर होंगे।
ये मापदंड होने भी जरूरी
गोदाम संचालकों को सुरक्षा मापदंडों का पूर्ण रूप से पालन होना चाहिए, किसी भी स्थिति में कोई अग्नि दुर्घटना नहीं हो। अग्नि दुर्घटना से बचाव हेतु उपकरण होने जरुरी होते है। अग्निशमन यंत्र, जल तथा बालू की उपलब्धता भी जरूरी हैं ।