कोलकाता कांड से गुस्साए रतलाम के जूनियर डाक्टर, शाम को केंडल मार्च

कोलकाता कांड से गुस्साए रतलाम के जूनियर डाक्टर, शाम को केंडल मार्च

रतलाम। कोलकाता में महिला डॉक्टर से रेप और नृशंस हत्या के विरोध में रतलाम मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर ने 16 अगस्त - 2024 से काम बंद कर हड़ताल पर जाने की घोषणा की। इससे रतलाम मेडिकल कॉलेज में व्यवस्थाएं होंगी प्रभावित। मामले में रतलाम मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों ने घटना पर आक्रोश व्यक्त करते हुए शासन और प्रशासन को पत्र भेज अनिश्चित हड़ताल पर जाने की सूचना भेज दी है।
जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के मीडिया प्रभारी डॉ.दीपक हिंडाल ने बताया कि 16 अगस्त 2024 से जूनियर डॉक्टर काम बंद कर हड़ताल शुरू करेंगे। शाम को मेडिकल कॉलेज में कैंडल मार्च निकाला जाएगा। उन्होंने बताया कि कोलकाता आरजी कर मेडिकल कॉलेज में निंदनीय घटना के विरोध में रतलाम कॉलेज की सभी ओपीडी और वैकल्पिक सेवाओं को बंद करने की घोषणा की है। आक्रोश का कारण बताते हुए कहा कि एक सहकर्मी की मौत के इर्द-गिर्द घटनाओं का निंदनीय क्रम दिन-ब-दिन बदतर होता जा रहा है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि न्याय प्रदान करने और उसे नियंत्रित करने के लिए जिम्मेदार अधिकारी गहरी नींद में हैं। हमने कोलकाता पुलिस की निष्पक्ष जांच करने और विरोध करने वाले डॉक्टरों को सुरक्षा देने की क्षमता पर विश्वास खो दिया है। विरोध करने वाले डॉक्टरों पर भीड़ को छोड़ देना दिखाता है कि अपराधी कानून के शासन की कितनी बेशर्मी से अवहेलना कर सकते हैं। पिछले कुछ दिनों में आरोप- प्रत्यारोप का खेल, पर्दा डालना, अधिकारियों के चाटुकारों को संरक्षण देना - एक ऐसे देश की तस्वीर पेश करता है जहाँ सत्ता में बैठे लोग कानून और व्यवस्था का मज़ाक उड़ा सकते हैं।


जूनियर डॉक्टरों की मांगे जो हैं प्रमुख
1. निष्पक्ष जांच में तेजी लाई जाए और दोषियों को गिरफ्तार किया जाए तथा साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ को रोकने के लिए अपराध स्थल को सील करने जैसे उपाय किए जाएं।
2. आरजी कर मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार अधिकारियों से लिखित माफी मांगी जाए तथा उन्हें बर्खास्त करने का आदेश दिया जाए।
3. मेडिकल छात्रों और जूनियर डॉक्टरों पर क्रूर हमले के लिए कोलकाता पुलिस से सार्वजनिक रूप से माफी मांगी जाए। हम मांग करते हैं कि 14 अगस्त 2024 की मध्यरात्रि को आरजी कर कैंपस में भीड़ द्वारा की गई हिंसा के मद्देनजर केंद्रीय बलों की तैनाती की जाए।
4. स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों के जीवन की सुरक्षा के लिए डॉक्टरों के लिए केंद्रीय सुरक्षा अधिनियम के बारे में भारत सरकार से लिखित आश्वासन ।
5. पीड़ित के परिजनों को आर्थिक मुआवजा दिया जाए।