सिविल सर्जन पर लगे आरोपो की होगी जांच, कलेक्टर-स्वास्थ्य विभाग को भेजी जाएगी रिपोर्ट -कल महिला नर्र्सिंग स्टाफ ने सिविल सर्जन के खिलाफ किया था प्रदर्शन, जमकर शिकायते की, ज्ञापन दिया

सिविल सर्जन पर लगे आरोपो की होगी जांच, कलेक्टर-स्वास्थ्य विभाग को भेजी जाएगी रिपोर्ट -कल महिला नर्र्सिंग स्टाफ ने सिविल सर्जन के खिलाफ किया था प्रदर्शन, जमकर शिकायते की, ज्ञापन दिया

रतलाम। जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ.एमएस सागर पर नर्सिंग स्टाफ ने मानसिक रूप से परेशान करने के आरोप लगाए तो इस दौरान पिछले कई समय से उनसे परेशान रहने वाले भी मुखर होते दिखे। कल जब महिला नर्सिंग स्टाफ ने अस्पताल परिसर में सिविल सर्जन के खिलाफ प्रदर्शन कर नारेबाजी की और सीएचएमओ डॉ. संध्या बेलसरे से सिविल सर्जन के बर्ताव की शिकायत की तो मामला अब सुर्खियो से जांच की ओर आगे बढ़ गया है। 
 सीएचएमओ डॉ. संध्या बेलसरे ने स्पष्ट किया है कि मेट्रन व नर्सिंग स्टाफ द्वारा सिविल सर्जन के बर्ताव व आए दिन परेशान करने की शिकायत की है। सभी के बयान लेकर जांच कराई जाएगी। जांच रिपोर्ट से कलेक्टर व स्वास्थ्य विभाग आयुक्त को अवगत कराया जाएगा। उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। इधर महिला स्टाफ का आरोप है कि सिविल सर्जन के लगातार अपमानजनक व्यवहार से अस्पताल की मेट्रन उर्मिला मसीह की तबीयत बिगड़ गई। उन्हें गंभीर हालत में मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है।
 नर्सिंग स्टाफ ने बताया कि सिविल सर्जन आए दिन बगैर किसी कारण से बेवजह परेशान करते हैं। यह सिलसिला 2 साल से चला आ रहा है। कई बार सार्वजनिक बैठक में नर्सिंग ऑफिसर से अभद्र व्यवहार व अनुचित टिप्पणी की जाती है। किसी नर्सिंग ऑफिसर द्वारा विरोध करने पर उन्हें कहा जाता है कि तुम नर्स हो तुम्हे कहना नहीं सहना होगा। यदि आप में से किसी ने भी मुझसे कुछ पूछा तो मैं आप सबकी ष्टक्र खराब कर दूंगा। नौकरी करना भूला दूंगा।
 महिला स्टाफ ने आरोप लगाया कि बगैर किसी गलती के कारण बताओ नोटिस जारी किया जाता है। मेट्रन उर्मिला मसीह द्वारा शिकायत की तो उनके साथ कई बार अनावश्यक व अनुचित टिप्पणियां की गई। 3 जून की दोपहर ह्रक्कष्ठ में भरे परिसर में उन्हें बेइज्जत किया गया। मानसिक प्रता?ना के कारण अचानक उनका स्वास्थ्य बिग? गया। उन्हें मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया। समय रहते कार्रवाई नहीं की तो ब?ा आंदोलन किया जाएगा। नर्सिंग स्टाफ ने कलेक्ट्रेट पहुंच कर भी शिकायत की।
 नर्सिंग ऑफिसर एसोसिएशन स्टाफ द्वारा नारेबाजी कर सीएचएमओ डॉ. संध्या बेलसरे के पास पहुंचे। सिविल सर्जन के खिलाफ अलग-अलग शिकायत कर उनके बर्ताव के बारे में बताया। मेट्रन उर्मिला मसीह के मेडिकल कॉलेज में एडमिट होने पर उनकी तरफ से नर्स स्टाफ ने शिकायती आवेदन दिया।
 उसमें बताया कि 10 साल से मेट्रन के पद पर कार्यरत हूं। सिविल सर्जन द्वारा विगत 2 सालों से मानसिक रूप से प्रता?ित व अभद्र व्यवहार तथा अपशब्दों का प्रयोग किया जाता है। कहा जाता है कि जिंदा लाश आ गई है, मूर्तियां बैठी हैं। तुम्हारा तो काम सिर्फ लेटबाथ देखने के योग्य है। इसके अतिरिक्त और भी कई ऐसे शब्दों का प्रयोग इनके द्वारा किया जाता है, जिसका में इस पत्र में उल्लेख नहीं कर सकती।
 लगातार प्रताडित करने पर 4 जून को अत्यधिक तनाव होने पर उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज रतलाम में भर्ती कराया है। 2 साल से प्रताडित करने व स्टाफ को प्रताडित करने के बावजूद आज तक हमने कोई शिकायत नहीं की। अति होने के कारण शिकायत करना पड रही है।
 नर्सिंग ऑफिसर्स एसोसिएशन की संभागीय अध्यक्ष मीना पाटील ने सिविल सर्जन द्वारा अभद्र व्यवहार किया जाता है। मेट्रन को उनके साथ दो दिन पहले वार्तालाप ऐसी कि उनकी तबीयत खराब हो गई। उन्हें मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराना पडा। सिविल सर्जन अपशब्द बोलते हैं। सभी को अलग-अलग टाइम पर वह टारगेट करते हैं। हम यही चाहते हैं, वे सम्मान से पेश आएं।
 नर्स देवीला कटारा ने बताया कि लगातार डाट लगाते रहते हैं। सम्मान से बात नहीं करते हैं। ऊंची आवाज में बात करते हैं। सभी परेशान हैं। डर के कारण कोई सामने नहीं आता है।

-सिविल सर्जन बोले- आरोप बेबुनियाद
सिविल सर्जन डॉ. एमएस सागर ने बताया- दो नर्सिंग सिस्टर की ड्यूटी के झग?े का आपस का मामला है। आपसी झग?ा रोकने के लिए ड्यूटी चेंज कराई थी। एक सिस्टर ने ड्यूटी चेंज नहीं की। मेट्रन को कहा- आदेश का पालन करवाइए। आपसी झगडे को लेकर मैंने कहा था आपका मामला है तो आप देखिए। दोनों नर्सों ने माहौल बना लिया। शासकीय प्रक्रिया में ड्यूटी करना एक प्रक्रिया है, जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं, वह बेबुनियाद हैं।