रतलाम:डेंगू से बचाव के संबंध में एडवाईजरी जारी, डाक्टर बोले - डेगू को हराने के लिए साझेदारी आवश्यक, जानिए कैसे डेंगू की रोकथाम अपने घर से शुरू करे  

रतलाम:डेंगू से बचाव के संबंध में एडवाईजरी जारी,  डाक्टर बोले - डेगू को हराने के लिए साझेदारी आवश्यक, जानिए कैसे डेंगू की रोकथाम अपने घर से शुरू करे  

रतलाम। (कवर स्टोरी24) रतलाम जिले में मौसमी बीमारियों के अंतर्गत डेंगू बीमारी बरसात के मौसम में बढ़ने की सम्भावना होती है। जिले में अभी तक कुल 24 डेंगू पॉजेटिव मरीज सामने आ चुके है। डेंगू से बचने के लिए जानकारी समय पर उपचार एवं प्रतिबंधात्मक उपाय आवश्यक है। इस संबंध में जिला मलेरिया अधिकारी प्रमोद प्रजापति ने बताया कि  डेंगू डेन वायरस से फैलने वाला संचारी रोग है। जो संक्रमित मादा एडीज मच्छर के काटने से फैलता है यह मच्छर दिन के समय प्रायः सुबह व शाम के समय काटता हैं डेंगू का कोई टीका या दवा नहीं है अतः एडीज मच्छर के काटने से बचाव एवं संक्रमित मच्छरों के लार्वा का विनष्टीकरण ही इसका एकमात्र उपाय है। एक बार शरीर में डेन वायरस का संक्रमण होने के बाद डेंगू बुखार के लक्षण 5-6 दिन पश्चात प्रकट होते है। इस हेतु घबराने की जरूरत नहीं होती है इस अवस्था में रोगी को मच्छरदानी में पूर्ण आराम करने व जल उपचार (जैसे- शिकंजीनींबू पानीओ आर एसनारियल पानीग्लुकोज इत्यादि के द्वारा शरीर में जल की पूर्ति) करने की सलाह दी जाती है।

डेंगू बीमारी के लक्षणः- सामान्य प्रकार के डेंगू में तेज सिरदर्द, ऑखों के पिछे की ओर दर्द, शरीर पर लाल चकते या दाने, जोड़ों व पेशियों में दर्द होना दिखाई देता है। जब डेंगू घातक अवस्था में पहुंचता है तो उक्त लक्षणों के साथ-साथ मसुडों व ऑतों से रक्त का स्त्राव होना अथवा खुन में प्लेटलेट का कम होना लक्षण पाए जाते है इसमें तत्काल मरीज को नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर चिकित्सक की सलाह के अनुसार उपचार लेना चाहिए।

डेंगू से बचावः- डेंगू मच्छर के लार्वा घर के साफ पानी में पनपते है अतः बचाव हेतु- घरों में लम्बें समय तक बर्तनों मेंजल संग्रह न करे कुलर की पुरानी घास जला दें क्योंकि पुरानी घासों में डेंगू मच्छर के अण्डें सुखी अवस्था में जीवित रहते है तथा कुलर का पानी सप्ताह में एक बार अवश्क ही खाली करें। घर के अन्दर रखें बर्तनों, पक्षियों के सिकोंरो व मवेशियों को पानी पिलानें के टंकियो व कंटेनरों की साफ सफाई रखें। घर के आसपास पानी जमा न होने दें। निकासी की व्यवस्था करें निकासी न होने पर उसमें जला हुआ तेल/केरोसीन डाल दे संक्रमण काल को देखते हुए स्वयं एवं स्कूली बच्चों को फुल अस्तीन के कपडे़ पहनाए क्योंकि बच्चों में प्रतिरक्षा तंत्र कमजोर होने के कारण यह सबसे पहले बच्चों /वृद्धों को अपना शिकार बनाता है। घर की खिड़कियों दरवाजों पर मच्छरप्रुफ जाली लगाए तथा घर में मच्छर भगाने वाली मेट, कॉइल, लिक्विड का उपयोग अवश्य करे तथा सोते समय मच्छरदानी अवश्य लगाए।

प्रभारी जिला मलेरिया अधिकारी प्रमोद कुमार प्रजापति द्वारा बताया गया कि डेंगू को खत्म करने के लिए हमें घर से शुरूआत करनी पड़ेंगी घर में जमा पानी की निकासी व मच्छर से बचाव के तरीके अपनाने होगे। यदि डेंगू बीमारी के लक्षण दिखते है तो तत्काल शासकीय जिला चिकित्सालय व शासकीय मेडिकल कॉलेज रतलाम में जाकर चिकित्सक से परामर्श, निःशुल्क जॉच एवं उपचार लेवें।