ग्राम पंचायत पलाश के ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट पहुंच कर ज्ञापन दिया, लगाया फर्जी बिल से भुगतान का आरोप

ग्राम पंचायत पलाश के ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट पहुंच कर ज्ञापन दिया, लगाया फर्जी बिल से भुगतान का आरोप

रतलाम। ग्राम पंचायतों से फर्जी बिल और भ्रष्टाचार का पुराना नाता है जिसके लिए जिला पंचायत से लेकर ग्राम पंचायत तक हमेशा नजरो में रहती है और इस भ्रष्टाचार का खामियाजा ग्राम वासियोंको भुगतना पड़ता हे जो विकास के लिए हमेशा तरसते रहते है। वही जिम्मेदार अधिकारी इस और कोईध्यान नहीं देते हैं। ऐसी ही एक शिकायत ग्राम पंचायत पलाश के ग्रामीणों ने मंगलवार को कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर की ओर सरपंच-सचिव के खिलाफ ज्ञापन दिया।

अधिकारियो को दिये गए ज्ञापन में आरोप लगाया कि ग्राम पंचायत पलास के सरपंच-सचिव ने अधूरे निर्माण कार्य को पूर्ण दर्शाकर लाखों रुपए का भ्रष्टाचार किया है। जिसके संबंध  में कई बार ग्रामीणों ने ज्ञापन देने व अधिकारियों को समस्या से अवगत कराने के बाद आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके चलते मंगलवार को गांव पलाश में शामिल सभी मजरा टोले के ग्रामीण

इस पूरे भ्रष्टाचार को लेकर पंचायत के ग्रामीण कलेक्ट्रेट में समस्या लेकर पहुंचे और ज्ञापन दिया। ग्रामीण कैलाश भाभर, तेरसिंह, कालूसिंह गरवाल आदि ने बताया पिछले दो बार ज्ञापन देने के बाद भी समस्याओं का निराकरण नहीं होने पर तीसरी बार फिर समस्याओं को लेकर कलेक्टर ऑफिस में ज्ञापन दिया। ज्ञापन में बताया कि नल-जल योजना, सीसी रोड, आंगनवाड़ी, ट्यूबवेल मोटर का बिल, सिर्फ कागज पर ही दिखाकर पूरी राशि निकाल भ्रष्टाचार कर रहे हैं। इस अवसर पर बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे। ग्रामीणों ने

जिला पंचायत उपाध्यक्ष केशु निनामा ने दी चेतावनी 

ग्रामीणों के साथ पहुंचे जिला पंचायत उपाध्यक्ष केशुराम निनामा ने अधिकारियों को चेतावनी की है की आठ दिन में समस्याओं का निराकरण नहीं होने पर कलेक्टर कार्यालय का घेराव करेंगे। इस दौरान रतलाम ग्रामीण के छात्र नेता दिनेश माल, सुभाष भाभर, मदन गामड़, मुकेश भाभर, तेरसिंह, दिनेश कालूसिंह गरवाल, गणेश गरवाल, प्रभु कोदर गरवाल, मुकेश गरवाल, मानसिंह गरवाल, श्यामलाल बारिया, सुरेश गरवाल, कालीबाई देवदा, बापू बाबर, गोवाबा ओहरी, शोभाराम ओहरी आदि ग्रामीण उपस्थित रहे।

इस संबंध में जब ग्राम पंचायत के सचिव भेरूलाल मुनिया से जानकारी लेना चाही  तो उनका कहना था कि भ्रष्टाचार जैसी कोई बात नहीं है। आधे-अधूरी रोड की जो जानकारी ग्रामीण दे रहे है वो आपस में गांव वालों की सहमति से ही बनाया है। रही बात पेयजल की तो गांव में पानी की समस्या कई सालों से है, वर्तमान में पंचायत में तीन नए ट्यूबवेल है लेकिन पानी नहीं आया। उसमें पंचायत क्या कर सकती है और जो भी समस्या है उसका निराकरण किया जाएगा।