पहलवान बाबा दरगाह के हिस्से को तोड़ने पर कोर्ट ने दिया स्टे, फोरलेन निर्माण के दौरान तोडा जा रहा था अतिरिक्त हिस्सा, मुस्लिम पक्ष ने ली कोर्ट की शरण

पहलवान बाबा दरगाह के हिस्से को तोड़ने पर कोर्ट ने दिया स्टे, फोरलेन निर्माण के दौरान तोडा जा रहा था अतिरिक्त हिस्सा, मुस्लिम पक्ष ने ली  कोर्ट की शरण

रतलाम। शहर के जावरा रोड अंडर ब्रिज से सेजावता तक बनने वाले सिटी फोरलेन निर्माण के दौरान पहलवान शाह बाबा दरगाह को लेकर बढ़ते विवाद ने एक नया मोड़ ले लिया है। दरगाह कमेटी और प्रशासन के बीच 9 नवंबर को कलेक्टर कार्यालय में हुई थी लेकिन इस बैठक में कोई समाधान न निकलने पर दरगाह कमेटी ने न्यायालय की शरण ली थी जिसके बाद आज कोर्ट में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इस मामले में स्टे आर्डर जारी किया है। फिलहाल अब अगली सुनवाई तक दरगाह परिसर का हिस्सा नहीं तोड़ा जाएगा। इस मामले की अगली सुनवाई 25 नवंबर को होगी। बताया जा रही कि जब कोर्ट में निर्माण तोड़ने के लिए सुनवाई की जा रही थी तो प्रशासन की तरह से कोई उपस्थित नहीं हुआ था। 

इस मामले में कोर्ट द्वारा आदेश में कहा गया है कि वादी पक्ष की ओर से अधिवक्ता मो.शाहिद खान ने पैरवी की जबकि प्रतिवादी मप्र शासन की ओर से कोई वकील उपस्थित ही नहीं हुआ। ऐसे में न्यायालय द्वारा फैसला सुनाते हुए स्टे4 जारी किया गया है । अपील पर सुनवाई  करते हुए आदेश में कहा गया है कि पहलवान बाबा दरगाह परिसर के हिस्से को  तोड़ने की जो कार्रवाई की जा रही है। उसे रोक दिया जाए और आगामी सुनवाई तक वादग्रस्त दरगाह पर यथास्थिति बनाई रखी जाए।

समझौते से ज्यादा तोड़फोड़ शुरू की तो कोर्ट जाना पड़ा
दरगाह को लेकर प्रशासन के साथ जो समझौता हुआ था उससे ज्यादा तोड़फोड़ होने लगी तो कोर्ट जाना पड़ा। दरगाह कमेटी की ओर से मजहर खान, शेराजउद्दीन, मोहम्मद एजाज सुल्तान, एडवोकेट जहीरुद्दीन और मुस्लिम समाज की ओर से मुस्तकीम ने दावा पेश किया। कोर्ट में पैरवी एडवोकेट मोहम्मद शाहिद खान, रईस कुरैशी, मोहम्मद जुबेर खान और मकसूद खान ने की। एडवोकेट जुबेर खान ने बताया कि कोर्ट में हमने दरगाह के मालिकाना हक के दस्तावेज पेश किए हैं। इसमें बताया है कि 150 बाय 40 स्क्वेयर फीट जमीन दरगाह के नाम पर है।