रतलाम में आज देवउठनी एकादशी : स्कूल, कॉलेज व शासकीय कार्यालय में अवकाश घोषित - हिंदू धर्म में देवउठनी ग्यारस का विशेष महत्व, साल की सबसे बड़ी मानी जाती है एकादशी
रतलाम। दिवाली की लंबी छुट्टी के बाद एक बार फिर आज 12 नवंबर- 2024 को देवउठनी एकादशी (छोटी दिवाली) पर रतलाम जिले में स्थानीय अवकाश घोषित किया गया है। कलेक्टर राजेश बाथम ने सोमवार को आदेश जारी किए है। स्कूल से लेकर सभी शासकीय कार्यालय बंद रहेंगे। बता दें कि हिंदू धर्म में देवउठनी ग्यारस का विशेष महत्व होता है। ये साल की सबसे बड़ी एकादशी मानी जाती है।
कलेक्टर राजेश बाथम ने आदेश जारी कर आज 12 नवंबर 2024 मंगलवार देवउठनी एकादशी का स्थानीय अवकाश घोषित किया है। पूर्व आदेश अनुसार 1 नवंबर (दीवाली के दूसरे दिन) संपूर्ण जिले में गोवर्धन पूजा के लिए स्थानीय अवकाश घोषित किया था। मध्यप्रदेश शासन द्वारा गोवर्धन पूजा के उपलक्ष्य में 1 नवंबर- 2024 को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया था। जिसे अब कलेक्टर ने 1 नवंबर- 2024 का अवकाश निरस्त करते हुए अब उसके स्थान पर संपूर्ण जिले के लिए 12 नवंबर- 2024 देवउठनी एकादशी को स्थानीय अवकाश घोषित किया है।
साल की सबसे बड़ी मानी जाती है एकादशी
हिंदू धर्म में देवउठनी ग्यारस का विशेष महत्व होता है। ये साल की सबसे बड़ी एकादशी मानी जाती है, क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) अपनी योग निद्रा से 4 महीने बाद जागते हैं और अपना कार्यभार संभालते हैं। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी (Maa Lakshmi) के साथ ही तुलसी माता (Tulsi maa) की पूजा अर्चना की जाती है और तुलसी विवाह कराया जाता हैं। इसके बाद हिंदू धर्म में शादी ब्याह शुरू हो जाते हैं और इस दिन व्रत करने का भी विशेष महत्व होता है।
द्वादश तिथि पर सुबह 9:30 पर पारणा करना उत्तम
देवउठनी एकादशी का पावन त्योहार हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है, इस बार यह दिन 12 नवंबर, मंगलवार के दिन है। हालांकि, इसकी तिथि 11 नवंबर को शाम 6:45 से शुरू हो जाएगी वहीं देवउठनी एकादशी व्रत का पारण 13 नवंबर को द्वादश तिथि पर सुबह 9:30 पर करना उत्तम होगा। देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी की पूजा करने का विशेष महत्व होता है, कहते हैं इस दिन अगर तुलसी चालीसा का पाठ किया जाए तो इससे सुख सौभाग्य की प्राप्ति होती है।