मप्र के इस जिले में रात को घर से निकल रहे हो तो हो जाइए सावधान, हो सकता हैं आपके ऊपर जानलेवा हमला! वकील पर राह चलते धारदार हथियार से हमला, पुलिस की गश्त पर फिर उठे सवाल

मप्र के इस जिले में रात को घर से निकल रहे हो तो हो जाइए सावधान, हो सकता हैं आपके ऊपर जानलेवा हमला! वकील पर राह चलते धारदार हथियार से हमला, पुलिस की गश्त पर फिर उठे सवाल

रतलाम। अगर आप मध्य प्रदेश के रतलाम  जिले के निवासी हैं तो आप रात में घर से ना निकले वरना आपके ऊपर जानलेवा हमला हो सकता हैं और आपकी जान भी का सकती हैं। जी हा रतलाम शहर में एक बार फिर रात में राह चलते वकील पर बदमाशों ने धारदार हथियार से हमला कर दिया। इस हमले में वकील के गले में चोट लगी है लेकिन अगर ये हमला थोड़ा और गहरा होता तो वकील की जान जा सकती थी। वहीं इस हमले से पुलिस की गश्त पर भी सवाल खड़े हो गए हैं और शहरवासी अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। क्योंकि इसके पहले भी शहर में इसी कई वारदाते हो गई है जिससे आम जनता में भय का वातावरण बना हुआ है। इन सबके बीच शहर के जिम्मेदार पुलिस अधिकारी इसे मामूली घटना बता रहे हैं और अपनी तरफ से बयान देने से बचते नजर आ रहे हैं।

दरअसल पूरा मामला रतलाम के वकील जुबेर खान  बरकाती से जुड़ा हुआ है। पेशे से वकील और एपीसीआर के जिला प्रमुख मोहम्मद जुबेर खान के ऊपर गुरुवार रात जानलेवा हमला हो गया। एडवोकेट ज़ुबैर खान पर मेंहदी कुई बालाजी मंदिर के सामने बाइक सवार बदमाशों ने जानलेवा कर दिया। दो हमलावर ढाई लाख की केटीएम बाइक से पीछे से आए और जान से मार दो की धमकी देकर धारदार हथियार से एडवोकेट ज़ुबैर की गर्दन पर वार करते हुए कॉलेज रोड़ की तरफ फरार हो गए। हमले के दौरान एडवोकेट बच गए, लेकिन उनकी गर्दन पर गहरी चोंट जरूर आई है। हमलावर यह भी कहकर भागे कि बच गया साला लेकिन अगली बार नहीं बचेगा। 

एडवोकेट मोहम्मद ज़ुबैर पर हमला तब हुआ जब वो और उन्हें दो अन्य साथी नदीम अब्बासी और शादाब अब्बासी गुरुवार की देर रात करीब 10:45 पर खाना खाने के बाद टहलने निकले थे। यदि एडवोकेट खान इस हमले से नहीं बचते तो शायद बड़ा हादसा हो जाता ओर उनकी जान भी जा सकती थी। हमले के बाद तुरंत ही एडवोकेट खान अपने मित्रों इलाज के लिए जिला अस्पताल पहुंचे। इसके बाद स्टेशन रोड़ थाने पर पहुंचकर अपनी एफआईआर दर्ज करवाई। वही इस मामले में पुलिस ने हमलावरों बाइक जब्त कर ली। हमले को लेकर पुलिस किसी भी प्रकार के बयान से बचते हुए नजर आ रही है। 

तीन लोगों में से केवल एडवोकेट खान पर ही जान से मारने की कोशिश करना कहीं न कहीं इसके पीछे किसी बड़ी साजिश या किसी बड़ी शख्सियत का हाथ हो सकता है। पुलिस यदि ईमानदारी से जांच करें बड़े चेहरे सामने आ सकते है। मिली खबर के मुताबिक घटना होने के बाद पुलिस ने ढाई लाख की केटीएम बाइक को भी जप्त कर ली है, लेकिन आरोपियों का कहीं पता नहीं लगा। जाहिर से बात है कि जब बाइक जप्त हुई है तो आरोपियों का भी पता लग ही गया होगा। लेकिन पुलिस इस मामले में कुछ बोलने से बच रही है। जब सीएसपी सत्येंद्र घनघोरिया से मीडिया ने बयान देने की बात की तो सीएसपी बोलने से बचने लगे फिर कहने लगे कि छोटा सा मामला है। मीडिया ने कहा छोटा सा मामले है तो बयान दे दीजिए लेकिन सीएसपी फिर बचे और बोले कि टू साहब से बयान ले लो। बीएनएस 109 याने कि हत्या का प्रयास का मामला सीएसपी के सामने छोटा सा था। 

इस तरह से सरे राह एक वकील पर धारदार हथियार से जानलेवा हमला होना पुलिस की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर रहा है। कहां गई पुलिस की धमक, कहां गई पुलिस की दबंगता। जब एडवोकेट सुरक्षित नहीं तो फिर आमजन खुद को कैसे सुरक्षित महसूस करेगा।  


बहरहाल बीती देर रात थाने पर एडवोकेट खान के समर्थकों की भीड़ को देखते हुए सीएसपी सहित शहर के सभी थानों के टीआई भी स्टेशन रोड थाने पर पहुंच गए थे। पुलिस बीएनएस की धारा 109 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। देखना ये है कि क्या पुलिस असल साजिशकर्ता को सामने लाती है या नहीं। या फिर ऐसे ही किसी बदमाश को खड़ा कर हमले की वजह को हवा में उड़ा दिया जाएगा। 

स्टेशन रोड थाना अतंर्गत पहले भी रात में हो चुकी बड़ी वारदाते 


रतलाम के स्टेशन रोड थाना अंतर्गत रात में इसके पहले भी कई बड़ी वारदातें हो चुकी है यहां पर स्टेशन रोड के थाने के सामने ही एक मारपीट का वीडियो भी वायरल हुआ था। इसके साथ ही यहां एक बार रात में लोडिंग गाड़ी में तोड़फोड़ हुई थी साथ ही यहां डीआरएम ऑफिस के सामने स्थित शराब दुकान में बदमाशों ने उत्पाद मचाया था। इससे सवाल आम जनता की सुरक्षा पर भी खड़ा हुआ है। इस तरह के हमले से आम जनता में भय का वातावरण बना हुआ है। अब देखना यह है कि पुलिस इस मामले में तत्परता दिखाते हुए बदमाशों को गिरफ्तार करती है या नहीं