9 वां चालीहा महोत्सव 16 जुलाई से मनाया जाएगा, आयोजन को लेकर कालिका माता मंदिर परिसर में बैठक हुई
रतलाम। भगवान झुलेलाल जी का पूज्य चालिहा महोत्सव 16 जुलाई मंगलवार से सिंधी समाज के सिंधु सेना श्री लाल सांई चालिहा समिति के तत्वाधान में 9 वां महोत्सव श्री कालिका माता मंदिर परिसर में स्थित श्री झुलेलाल मंदिर पर हर्षोल्लासपूर्वक मनाया जाएगा।
आयोजन को लेकर बैठक झूलेलाल मंदिर परिसर में श्री लाल सांई सेवा समिति एवं सिंधु सेना द्वारा आयोजित की गई थी। बैठक की अध्यक्षता राजाराम मोतियानी ने की। बैठक में आर. के. सतवानी, मुरलीधर आवतानी, रामलाल चंदानी, चंद्रप्रकाश अवतानी, रमेश चोइथानी, हासु कल्याणी आदि ने 16 जुलाई से 25 जुलाई 2024 तक श्री कालिका माता मंदिर परिसर में स्थित श्री झुलेलाल मंदिर पर महोत्सव मनाने के सम्बंध में कार्ययोजना के बारे में विस्तृत चर्चा की। बैठक में चालिहा महोत्सव धूमधाम से भव्य एवं श्रद्धा के साथ मनाए जाने का प्रस्ताव पारित किया गया।
बैठक में समिति के रमेश चोइथानी ने बताया कि भगवान झूलेलाल जी का पूज्य चालिहा साहिब महोत्सव सिंधी समाज का सबसे बड़ा त्यौहार है। सैकड़ों वर्ष पूर्व धर्म की रक्षा के लिए सिंधी समाज के श्रद्धालुओं ने सिंध नदी के किनारे लगातार चालीस दिन तक भूखे प्यासे रहकर तपस्या की थी जब नदी में मछली पर भगवान झूलेलाल जी अवतरित हुए तब भविष्यवाणी हुई थी कि मैं धर्म की रक्षा के लिए अवतार लूंगा। जब से आज तक पूरे भारत वर्ष में सावन माह में चालीहा पर्व 40 दिन तक उपवास कर भगवान झुलेलाल की आराधना कर मनाया जाता है। इस पर्व में चालीस दिन तक रोज पुज्य बहिराणा साहेब बनाया जाता है। बहिराणा साहेब के अन्तर्गत एक ज्योत तथा एक मोदक बनाया जाता है वह सभी प्रकार के अनाज के बनता है। इसमें ड्रायफुट, इलायची, लौंग एवं सुंगधित फुलों से श्रृंगार किया जाता है। आरती, अरदास के पश्चात वह जल में प्रवाहित किया जाता है।
बैठक में मुरली गुरवानी, रमेश नाथानी, शैलेन्द्र कृपलानी, चंदन मोतियानी, लोकेश सत्यानी, नरेन्द्र मेघानी, हरिश पंजवानी, मुकेश गुरनानी, तरूण सोनी तथा बड़ी संख्या में सिंधी सेवक, सेवादार एवं महिला मण्डल की पदाधिकारी एवं समाजजन आदि उपस्थित थे।