आचार संहिता लागू होने पहले किया जाए ज्वलंत मांगों का निराकरण, उपेक्षित राज्य पेंशनरों ने मुख्यमंत्री के नाम कैबिनेट मंत्री चेतन्य काश्यप को दिया ज्ञापन

आचार संहिता लागू होने पहले किया जाए ज्वलंत मांगों का निराकरण, उपेक्षित राज्य पेंशनरों ने मुख्यमंत्री के नाम कैबिनेट मंत्री चेतन्य काश्यप को दिया ज्ञापन

रतलाम। प्रदेश के पांच लाख राज्य पेंशनर अपनी न्यायोचित मांगों के समाधान हेतु मुख्यमंत्री से निरंतर अनुरोध कर रहे है, लेकिन शासन द्वारा मांगों की अनदेखी की जा रही है। राज्य पेंशनर आर्थिक तंगी बदहाली में जीवन यापन कर रहे हैं।
अध्यक्ष कीर्ति कुमार शर्मा ने बताया कि प्रोग्रेसिव पेंशनर्स एसोसिएशन मप्र के आह्वान पर प्रदेश के जिला स्तर पर मंत्रियों/सांसद/विधायकों के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिए जा रहे हैं। अनुरोध किया जा रहा है कि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने से पहले पेंशनरों की आर्थिक मांगों का शीघ्र समाधान कर राज्य पेंशनरों में व्याप्त असंतोष को दूर किया जाए। इसी क्रम में संगठन के पेंशनरों ने कैबिनेट मंत्री चेतन्य काश्यप के निज सचिव मणिलाल जैन को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन देते समय कार्यकारी अध्यक्ष एमएल भट्ट, प्रवक्ता प्रमोद व्होरा, रणजीतसिंह राठौर, जितेन्द्रसिंह भूरिया, हरीश कुमार बिंदल, केएल भाटी, बीके सैनी, रमेशचंद्र करमैया, सुधीर मिश्रा, डीडी गोठवाल, एमएल वर्मा, विजयसिंह सिसौदिया, आरएस शर्मा, कृष्णासिंह राठौर, हरिशंकर चौहान, जयवंत गुप्ते, एएन कुरैशी, डा. केके गुप्ता, आरएस भार्गव, बीएल पांचाल, गजेंद्रसिंह राठौर, उमेश बोरदिया, आरआर चव्हाण आदि उपस्थित रहे।
पेंशनरों की प्रमुख मांगें
- मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ राज्य पुनर्गठन अधिनियम की धारा 49 (6) तत्काल विलोपित की जाए।
- वर्तमान में राज्य के पेंशनर को केवल 42 प्रतिशत महंगाई राहत प्राप्त हो रही है तथा केंद्र व अन्य राज्यों में 46 प्रतिशत महंगाई राहत प्राप्त हो रही है। पेंशनर्स को भी एरियर सहित 46 प्रतिशत का भुगतान किया जाए।
- पेंशनर के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना बनाकर तत्काल लागू की जाए तथा प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना में प्रत्येक पेंशनर को जोड़ा जाए।
- पेंशनर को 79 वर्ष की आयु पूर्ण होते ही 80 वर्ष में प्रवेश करते नियमानुसार 20 प्रतिशत पेंशन में वृद्धि की जाए।
- उच्च न्यायालय व सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित किए गए निर्णय के अनुसार 31 दिसंबर या 30 जून को सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को एक जुलाई तथा एक जनवरी को मिलने वाली वेतन वृद्धि का लाभ प्रदान किया जाए।
- नियमित कर्मचारी की तरह पेंशनर को भी 50 हजार रुपय उपादान राशि प्रदान की जाए।
- केंद्रीय पेंशनर की तरह राज्य पेंशनर को भी प्रतिमाह 1000 रुपये चिकित्सा भत्ता प्रदान किया जाए।
- छठे व सातवें वेतनमान का लंबित एरियर का भुगतान राज्य के पेंशनर को किया जाएं।