स्वाद के शौकीनों की पहली पसंद गराडु, बढ़ती ठंड के साथ मौसम के राजा गराडु की मांग बड़ी जिले सहित अन्य राज्यो में भी है मांग

स्वाद के शौकीनों की पहली पसंद गराडु, बढ़ती ठंड के साथ मौसम के राजा गराडु की मांग बड़ी जिले सहित अन्य राज्यो में भी है मांग

रतलाम। कड़कड़ाती ठंड की दस्तक के साथ ही मोसम के राजा गराडु की मांग में तेजी आ गई है। रतलामियो को वैसे ही चटपटा खाने का शोक है ऊपर से गरमा गर्म गराडू का आ जाए तो रुका ना जाए। 

जी हां हम बात कर रहे है मौसम का राजा कहे जाने वाले गराडू की। बढ़ती ठंड में यह लोगो की पहली पसंद बनी हुई है।  मालवा  की काली मिट्टी में उगने वाला गराडू प्रदेश ही नहीं बल्कि अन्य राज्यो सहित विदेश में भी प्रसिद्ध है। शहर सहित जिले के बाजार क्षेत्र में ठेलो और दुकानों पर गरमा गर्म गराडू खाने वालो की भीड़ लगी हुई हैं। वही इनका मंडी और दुकानों पर भाव 30 से 60 रुपए किलो है और तले हुए गराडु का भाव 250 से 300 रुपए किलो है।

जानिए कैसे तैयार होती है गराडू फसल 

रतलाम जिले में इसकी खेती बांगरोद गांव मे होती हैं । करीब 400 बीघा में इसकी फसल बोई जाती हैं। यहां के किसान आशीष धाकड़ का कहना है की गराडू की फसल गर्मी के सीजन में उगाई जाती है और ठंड में इसकी पैदावार होती हैं। ओर इसकी मांग भी ठंड में ज्यादा है। 
गराड़ू खेत में पान जैसे दिखने वाले पत्तो की लंबी बेल के नीचे जमीन में धंसा होता है।जिसे जमीन से खोदकर बाहर निकाला जाता है और फिर उसकी सफाई कर मंडी में नीलाम के लिए भेजा जाता है। गराडू की बुवाई बारिश के पहले गर्मी में कर दी जाती है।

ठंड आते ही नवंबर माह से फरवरी तक इसे बाहर निकाला जाता है। यह सबसे लंबे समय तक रहने वाली फसल है. वर्तमान में मंडी में गराडू 30 से 40 रुपये प्रति किलो तक किसानों से खरीदा जा रहा है, जो बाजार में 50 से 60 रुपये किलो तक के भाव में बिकता है। इसके साथ ही इसकी मांग को तेजी आने पर इसकी कीमत 100 रुपए  तक पहुंच जाती हे।इसके साथ ही ठंड के समय में होने वाली शादी ब्याह के सीजन में भी ग्राडू की खासी मांग रहती है साथ ही रतलाम जिले सहित अन्य जिलों और राज्यों तक इसकी मांग होती है जिसको लेकर भी इसके भाव में तेजी आती है।