मध्य प्रदेश को किसकी लगी नजर,जान लेवा हथियार कौन उपलब्ध करा रहा है?
मध्य प्रदेश शांति का टापू कहा जाता है ।परंतु कुछ समय से यदि मात्र उज्जैन संभाग या रतलाम, मंदसौर आदि जिलों मे घटित कुछ घटनाओं की बात करें तो निरंतर निरंतर आपसी सौहार्द बिगाडने के प्रयास करने की घटनाऐं घटित हो रही है जो कि काफी चिंता का विषय है।
जिसे लेकर मध्य प्रदेश शासन को सख्त रूख अख्तियार करना होगा और ऐसी घटनाओं को अंजाम देने वाले कतिपय लोगों को चिन्हित कर ऐसे अमन चैन के दुश्मनों को उनके असली मुकाम सलाखों तक पहुंचाना होगा। तभी प्रदेश मे शांति व्यवस्था एवं अमन चैन सुकून बना रहेगा। जबकि पुलिस . प्रशासन निरंतर ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है। परंतु फिर भी ऐसे लोगों के हौसले दिन-ब-दिन बुलंद होते जा रहे हैं।
हम कुछ माह पूर्व की कुछ घटनाओं की बात करें तो रतलाम जिले के जावरा मे एक धार्मिक स्थल पर एक बछडे का कटा सर फेंकने की घटना घटित हुई थी। जिस घटना मे पुलिस एवं प्रशासन ने कुछ आरोपियों की गिरफ्तारी कर उचित कार्यवाही की थी जिसमे जावरा के विधायक राजेन्द्र पांण्डे ने आरोप लगाया था कि उक्त घटना की पूरी पूरी निष्पक्ष जांच होना चाहिये ।परंतु उक्त मामले मे पूरी तरीके से वास्तविक उक्त घटना मे कौन कोन लोग शामिल थे ,आमजन को शायद ही मालूम हुआ हो।
इसी प्रकार विगत दिनों 7 सितंबर को उकाला रोड ,रतलाम मे गणेश स्थापना समिति के चल समारोह पर पथराव और फिर लाठीचार्ज की घटना के उपरांत एक युवक की संदेहास्पद मौत हो जाने के आरोप लगे। जिस घटना मे तत्कालीन पुलिस अधीक्षक राहुल कुमार लोढा के रहते बड़ी घटना घटित नही हुई व घटना ने सांप्रदायिक रूप नहीं लिया ।परंतु इसमे भी एक पक्ष का आरोप था कि पुलिस ने सही कार्यवाही की तो दूसरे पक्ष का आरोप था कि पुलिस ने सही कार्यवाही नहीं की जिसमे आखिरकार पुलिस अधीक्षक का स्थानांतरण हुआ और उनको भारी विरोध का सामना करना पडा,और उनके खिलाफ ज्ञापन धरने आदि दिये गये। जिसमे पुलिस अधीक्षक सहित अन्य अधिकारियेां के खिलाफ भी कार्यवाही की मांग की गई जिसमे आखिरकार मजिस्ट्रीयल जांच की जाकर कथन लेने की प्रक्रिया दिनांक 20 सितंबर से 27 सितंबर तक दर्ज किये जाने है।
इसी प्रकार मंदसौर मे भी धार्मिक जुलुस निकालने जाने के दौरान उपद्रव हुआ ,जिसमे आरोप है कि उपद्रवियों ने कुछ दुकानों को आग के हवाले कर दिया ।वाहनों में तोड़फोड़ आदि की गई जिसमे जहां मंदसौर पुलिस ने विभिन्न धाराओं मे कुछ आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया व जेल भी भेजा गया व घटना को सांप्रदायिक रूप देने का प्रयास किया गया जिसमे पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने तत्काल मौके पर पहुंच कर स्थिति को नियंत्रण मे किया। प्रयास को असफल कर दिया तो वहीं उक्त घटना के बाद निरंतर घटना की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए पुलिस को घटना के समय के सी सी टी वी फुटेज उपलब्ध कराते हुए निरंतर घटना मे प्रभावित हुए परिवारेा को आर्थिक सहायता की मांग की जाकर बहुजन समाज पार्टी,भीम आर्मी आजाद समाज पार्टी, सहित अन्य संगठनों ने उक्त मंदसौर मे घटित हुई घटना की निष्पक्ष जांच की मांग कर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है।
इसी प्रकार शाजापुर जिले के मक्सी की घटना प्रकाश मे आई है ।जिसमे दो पक्षों में विवाद होकर एक की मौत एंव आधा दर्जन व्यक्ति घायल हुए ,जिसमे भी पुलिस ने तत्काल मौके पर पहुंच कर तीन जिलो की पुलिस बल लगा हुआ है । स्थिति पुलिस के नियंत्रण मे है।
अब सबसे अहम सवाल है कि कतिपय लोग खुलेआम हथियारों का उपयोग होकर उसका सार्वजनकि प्रदर्शन कर आम आदमी की जान की परवाह नही की जा रही है। खौफ पैदा करने का प्रयास किया जा रहा है ।आखिर कौन लोग है जो इनको हथियार उपलब्ध करा रहे है। एक तरफ पुलिस प्रशासन गुंण्डो पर नकेल कसने की मुहिम चलाते हुवे उनकी पुलिस थानो पर गुण्डा हिस्ट्रीशीटर परेड कराई जा रही है और दूसरी और इस प्रकार की घटनाऐं निरंतर निरंतर प्रकाश मे आ रही है ।तो फिर इन पर अंकुश क्यों नही लग पा रहा है और आखिर कौन लोग है जो मध्य प्रदेश के अमन चैन के दुश्मन बने हुए है ।उनको चिन्हित कर कार्यवाही करना चाहिये और आम आदमी के मन मे पुलिस के प्रति मान सम्मान बना रहे और अपराधिक प्रवृत्ति के लोग एवं जो आपसी सौहार्द बिगाडना चाहते है ,ऐसी शक्तियों को बेनकाब करना चाहिये।
बहरहाल हम मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री से उम्मीद करते है कि वे संपुर्ण मामलों मे आम गरीब आदमी को न्याय प्रदाय कराते हुए ऐसी घटनाओं मे संलिप्तो के खिलाफ कठौर से कठौर कार्यवाही करेगै। और भविष्य में इस प्रकार की संभावित होने वाली घटनाओं पर पूर्ण रूप से अंकुश लगाने का प्रयास करेंगे।