जावरा का एक परिवार बना रहा 100 साल से ताजिये

जावरा का एक परिवार बना रहा 100 साल से ताजिये

ईनके हाथों की कला को देखने दूर दूर से आते है लोग

रतलाम/जावरा। मुस्लिमो का गम भरा त्योहार कुछ ही दिनों में मनाया जाएगा। मोहर्रम का चांद दिखने के बाद से ही तैयारियां शुरू हो गई है। इमाम हुसैन की याद ताजिया बनाकर गम जाहिर किया जाता है। इसी कड़ी में जावरा के डूंगरपुर गेट पर मक्कू खान के यहां करीब बीते 100 सालों से ताजिया बनता आ रहा है। इस मौक़े पर चांद की 3 तारिक को चौकी धुलने के मौक़े पर अरमान ताजिया  कमेटी जावरा  द्वारा  जावरा नवाब सोलत अली खान के पुत्र हैदर अली खान भी शामिल हुए। ताजिया सदर जावेद वाटसन की मौजूदगी मे ताजिया अध्यक्ष साजिद खान, मेम्बर  मेहमूद खान, कल्लन उस्ताद, माजीद उस्ताद,  सादिक खान, वसीम मिल्लर, अमन मुबारिक,  कल्लू अहद, अनस, जुनेद, छोटू शानू  ने जावरा नवाब सोलत अली खान मिंया का साफा बांधकर सम्मान किया।

बता दें कि मक्कू खा का ताजिया लगभग 100 सालो से बनता आ रहा है। मक्कू खा के बेटे मम्मू खा ओर फिर उनके परिवार के सभी सदस्य अधिकतर बड़े ताजिये का काम करते आ रहे है। जिसमे उटखाना और कड़ाचूरपुरा, ताल नाके का काम कल्लन उस्ताद और उनके बेटे खालिद व उनके भाई मजीद उस्ताद मेवाती पुरा और हम्माल पुरे जावरा के बड़े बड़े ताजियो का काम करते आ रहे है। 100 सालो की परंपरा वाला मक्कू खा और उनके परिवार के सदस्य निभाते आ रहे है।


आपको बता दें कि जावरा के ताजिए पूरे देश में प्रसिद्ध है दूर-दूर से लोग यहां पर ताजिए देखने आते हैं और मक्कू खा का परिवार 100 साल से ज्यादा समय से यह ताजिए बना रहा है इस परिवार के हाथों के द्वारा बनाए गए ताजियों की बात ही कुछ अलग है दूर-दूर से लोग इनके हाथों से बनाये गए ताजियों को देखने आते हैं।